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ओएंडएम सेल के बिजली लोड बढ़ाने के 3.16 करोड़ घोटाले में बड़ा खुलासा, आरोपियों ने 14 ट्रांजेक्शन के जरिए सरकारी खाते में जमा करवाई थी पेमेंट

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लुधियाना   21 जनवरी। लुधियाना नगर निगम भ्रष्टाचार में सभी विभागों को पछाड़ते हुए आगे निकलता जा रहा है। नगर निगम के ओएंडएम सेल के एक्सियन रणबीर सिंह, डीसीएफए पंकज गर्ग और रिटयार्ड एसई राजिंदर सिंह द्वारा पावरकॉम विभाग के नाम पर सरकारी खजाने से 3.16 करोड़ रुपए निकालकर घोटाला किया गया था। विजिलेंस द्वारा एफआईआर दर्ज कर रणबीर सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन अब इस घोटाले में नया खुलासा हुआ है कि आखिर आरोपियों द्वारा कब पैसे निकाले और कैसे जमा करवाए। दरअसल, विजिलेंस द्वारा एक्शन लेने से पहले ही आरोपियों द्वारा उक्त रकम को वापिस निगम खाते में जमा करवा दिया गया था, ताकि आरोपी बच सके। आरोपियों द्वारा 5 लाख से लेकर 49 लाख रुपए तक की इकट्‌ठी रकम अलग अलग समय में जमा करवाई गई। लेकिन हैरानी की बात तो यह है बेशक सरकारी खजाने का पैसा वापिस जमा कराने की बात कहकर इतनी रकम इकट्‌ठी जमा करवाई जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक लाख से अधिक भी रकम किसी बैंक या सरकारी खाते में जमा करवाएगा तो उसकी बकायदा पूरी डिटेल देनी होगी। आखिर वह पैसा कहा से आया और उसके दस्तावेज भी देने पड़ते है। लेकिन हैरानी है कि निगम अधिकारियों द्वारा न तो इस पैसों के बारे में पूछा गया और न ही आज तक वह पैसा कहा से आया, इसकी जानकारी हासिल करने की कोशिश की। अब देखना होगा कि विजिलेंस द्वारा क्या इसका खुलासा किया जाएगा या नहीं।

31 जनवरी से लेकर 22 मार्च 2024 के बीच 14 बार जमा करवाई पेमेंट
जानकारी के अनुसार आरोपियों द्वारा 31 जनवरी से लेकर 22 मार्च 2024 के बीच यह पैसा जमा करवाया था। यह पैसा 14 ट्रांजेक्शन के जरिए जमा हुआ था। जिसमें 31 जनवरी को पहली रकम ही 49.46 लाख रुपए की जमा करवाई गई थी। जिसके बाद 31 से लेकर 5 लाख तक पेमेंट जमा हुई। चर्चा है कि फंसने के डर से अधिकारियों ने पेमेंट तो जमा करवा दी, लेकिन इस पेमेंट के बाद यह साबित हो गया कि उन्होंने असलियत में विभाग के साथ ठगी की थी।

दो साल जमकर इस्तेमाल किया सरकारी पैसा
दरअसल, 2022-2023 के दौरान नगर निगम का लोड बढ़ाया जाना था। जिसके चलते तीनों आरोपियों द्वारा पावरकॉम से लोड बढ़वाने के लिए सरकारी खजाने से 3.16 करोड़ रुपए निकलवाए गए। एक्सियन रणबीर सिंह द्वारा यह पेमेंट निकलवाई गई, जबकि तब के एसई राजिंदर सिंह की देखरेख में पेमेंट निकली। वहीं अकाउंट्स ब्रांच के डीसीएफए पंकज गर्ग द्वारा इसका बिल पास किया गया था। तीनों ने मिलीभगत करके पेमेंट निकाली और फिर उसे दो साल तक जमकर निजी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया। फिर यह पेमेंट

एडवांस बताकर निकाली पेमेंट, फंसने पर करवाई जमा
आरोपियों द्वारा एडवांस बताकर यह पेमेंट निकाली गई थी। दो साल तक तो मामला शांत रहा। लेकिन रिकॉर्ड कस्टोडियन जसपिंदर द्वारा जब रिकॉर्ड चैक किया गया तो उसे टेपरिंग नजर आई। मामले ने तुल पकड़ लिया। जिसके बाद आरोपियों को लगा की वे फंस सकते हैं। जिसके चलते आरोपियों द्वारा जल्दबाजी में यह पेमेंट ओएंडएम सेल विभाग के जरिए जमा करवा दी। बेशक आरोपियों द्वारा पैसे जमा करवा दिए गए। लेकिन जब मामला विजिलेंस के पास पहुंचा तो सरकारी पैसों का दुरपयोग करने के चलते उन पर मामला दर्ज हुआ।

अफसर भी रहे शांत, मिलीभगत की चर्चा
जानकारी के अनुसार इस पेमेंट को निकालने के लिए नगर निगम कमिश्नर की परमिशन लेनी पड़ती है। हैरानी की बात तो यह है कि कमिश्नर द्वारा नीचे सत्र के अधिकारियों द्वारा इतनी रकम निकलवाने और फिर उसका इस्तेमाल न करने के बावजूद कोई एक्शन न लेना कही न कही सवालों के घेरे में फंसता हुआ नजर आ रहा है। वहीं चर्चा है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बाद ही यह पैसा निकाला गया था। हालांकि इतनी बड़ी रकम एकदम जमा होने पर भी उच्च अधिकारी शांत बैठे रहे। जब यह पेमेंट जमा हुई, तब ही क्यों अधिकारियों ने आवाज नहीं उठाई। आखिर आठ महीने बाद विजिलेंस के पास मामला पहुंचने पर ही इसे उजागर क्यों करना पड़ा। चर्चा है कि अगर अधिकारी समय रहते एक्शन लेते तो पहले ही घोटाले का खुलासा हो सकता था।

क्या विजिलेंस कर सकेगी खुलासा
वहीं चर्चा है कि इतनी रकम एकदम जमा होना और वह पेमेंट कहा से आई, अभी तक विजिलेंस द्वारा इसका खुलासा नहीं किया गया है। लोगों में चर्चा है कि विजिलेंस जांच में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। क्योंकि अभी मामले में बेशक पंकज गर्ग को जमानत मिल गई, लेकिन राजिंदर सिंह अभी भी फरार है। जिसकी गिरफ्तारी से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। अब देखना होगा कि क्या विजिलेंस पर्दे के पीछे छिपे चेहरों को सामने ला सकेगी या नहीं।

विपक्ष कर सकेगी खुलासा
जानकारी के अनुसार लुधियाना की जनता द्वारा कांग्रेस को 30 और भाजपा को 19 सीटें जीताकर मजबूत विपक्ष दिया था। अब देखना होगा कि क्या विरोधी पार्टियों द्वारा इस मुद्दे को उठाया जाएगा या नहीं। क्योंकि अधिकारियों द्वारा सरेआम जनता का पैसा खाया जा रहा है, लेकिन सत्ताधारी नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। अब विपक्ष द्वारा जनता के हक में आवाज बुलंद करते हुए इंसाफ दिलाया जाएगा या नहीं।

इन तरीकों को ऐसे जमा करवाई गई पेमेंट
31-01-2024 को 49,46,018
01-02-2024 को 31,89,469
02-02-2024 को 19,91,695
06-02-2024 को 21,85,939
08-02-2024 को 24,49,766
09-02-2024 को 28,59,757
12-02-2024 को 26,17,676
15-02-2024 को 16,27,480
20-02-2024 को 41,03,000
27-02-2024 को 29,01,591
07-03-2024 को 40,16,691
16-03-2024 को 2,78,792
21-03-2024 को 9,33,778
22-03-2024 को 5,48,641

बॉक्स
खुलेआम घूम रहा आरोपी, लेकिन विजिलेंस बता रही फरार
गौर हो कि मामला दर्ज होने के बाद रिटयार्ड एसई राजिंद्र सिंह की बेटी की निरवाना क्लब में शादी थी। राजिंद्र सिंह शादी में जमकर एंजॉय कर रहे थे। शादी में कई राजनेता भी पहुंचे थे। लेकिन फिर भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया। चर्चा है कि आरोपी राजिंद्र सिंह सरेआम शहर में घूम रहा है। लेकिन विजिलेंस उसे फरार बता रही है।

क्या नए मेयर से लेकर डिप्टी मेयर तक लेगें एक्शन
लुधियाना को हाल ही में नए मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर और डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर मिले हैं। अब देखना होगा कि उनकी तरफ से क्या इस मामले में कोई एक्शन लिया जाएगा या नहीं। क्योंकि इसमें जनता का पैसा लगा है। नेता दावे करते हैं कि वह जनता का आवाज है।

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