महज शक होने पर गोरक्षकों ने दो लोगों को पीटा था, साबिर की लाश मिली, हत्याकांड में नौ आरोपी अरेस्ट
चरखी दादरी 25 अक्टूबर। यहां बाढ़डा कस्बे में 27 अगस्त को पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम युवक साबिर मलिक को गोमांस खाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया था। पुलिस द्वारा जब्त किए मांस की लैब से जांच रिपोर्ट आ गई है। जिसमें खुलासा किया गया कि जब्त मांस गाय का नहीं था।
वहीं, इस हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में नौ युवकों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों ने बेकसूर साबिर मलिक को कबाड़ देने के बहाने बुलाकर बेरहमी से पीटा था। मलिक का शव हंसावास खुर्द के पास बरामद हुआ था। इसके साथ ही 31 अगस्त को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें युवाओं की भीड़ दो व्यक्तियों की बड़ी बेरहमी से पीट रही थी। हिंदू संगठन के वर्करों ने तब हंसावास खुर्द के पास प्रवासियों की बस्ती में जमकर बवाल मचाया था। वहां पर कुछ बर्तनों में कथित तौर पर गोमांस मिलने की अफवाह उड़ने से माहौल तनावपूर्ण हो गया था। पुलिस ने इस मामले में 29 अगस्त को 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो नाबालिग थे। बाद में दो अन्य की गिरफ्तारी भी हुई।
श्रमिकों पर हमले में एक श्रमिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू किया था। वहीं फरीदाबाद लैब से नमूने की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं है। इस मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ व कम्युनिस्ट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 15 सितंबर को तीन घंटे तकगांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों का दौरा किया था। जेएनयू टीम ने निरीक्षण के दौरान हत्याकांड की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की थी। यहां पर असम के कुछ परिवार झुग्गियां बनाकर रहते हैं। गोरक्षा दल से जुड़े वर्करों ने यहां पहुंचकर झुग्गियों की तलाशी ली थी। उस दौरान वहां कुछ बर्तनों में मांस मिला था। गौरक्षकों ने वीडियो रिकॉर्ड किया तो सबरुद्दीन नामक झुग्गी निवासी ने कहा था कि यह भैंस का मांस है। पुलिस ने डॉक्टर को बुलाकर मांस के सैंपल लिए थे। फिर 27 की रात को साबिर मलिक का शव गांव के पास मिलने पर बाढड़ा थाने की पुलिस ने सुजाउद्दीन की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया था।
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