लोन एप के जरिए लाखों-करोड़ों नहीं, बल्कि 5 हजार करोड़ का घपला कर चुके आरोपी
चंडीगढ़ 2 जनवरी। पुरानी कहावत ‘अंधे के हाथ लगी बटेरे’ वाकई कई बार सच साबित होती है। यहां महज लाखों रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले की साइबर क्राइम टीम जांच कर रही थी। इसी दौरान उसके देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में बड़ी ठगी करने वाले दो लोग हत्थे चढ़ गए।
जानकारी के मुताबिक एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानि ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपी पुनीत कुमार और आशीष कक्कड़ को जांच टीम प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। इन दोनों आरोपियों ने करीब 272 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय फर्मों व कंपनियों के जरिए 298 बैंक खाते खोले थे। जिनसे लोन एप के जरिए लाखों-करोड़ों नहीं, बल्कि पांच हजार करोड़ से अधिक का घपला किया हुआ है।
बताते हैं कि इन ठगों ने खुलासा किया कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ठगी का खेल खेला जा रहा था। यह बात भी सामने आई कि दोनों आरोपियों ने भारत और विदेशों में मुख्य रूप से चीन, सिंगापुर, हांगकांग और दुबई में कई फर्जी ट्रेडिंग फर्म बनाकर उन्हें संचालित किया। ये फर्में विभिन्न कर्मचारियों या किराए के व्यक्तियों के नाम पर जाली दस्तावेजों पर रजिस्टर्ड थीं। इनका उपयोग विदेशी पंजीकृत गेमिंग वेबसाइटों द्वारा संचालित ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों से अपराध की आय को इकट्ठा करने, रूट करने और बाहर भेजने में होता था।
ठगी के इस खेल में पुनीत और मक्कड़ के अलावा आनंद निकेतन, चाणक्यपुरी निवासी केशव सूद और साकेत निवासी शिव दरगर भी शामिल थे। जो कि इनके साथ मिलकर हवाला के पैसों को भी इधर से उधर करने का काम करते थे। चंडीगढ़ साइबर थाना पुलिस ने ईडी से संपर्क कर इन आरोपियों का सारा रिकॉर्ड भी मांगा है। साइबर क्राइम जांच टीम ने रिमांड के दौरान दोनों के अलावा इनके ड्राइवर से भी पूछताछ की है। दरअसल वर्ष 2022 में चंडीगढ़ के एक व्यक्ति के साथ ह्रूगो लोन एप से उसके खाते में सेंध लगाते हुए ऑनलाइन ठगी की गई थी। इस मामले में शिकायत के आधार पर साइबर थाने में केस दर्ज कर जांच कर 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
अब जांच टीम को पता चला कि जिन ऐप से ठगी हुई थी, उनके संचालकों को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। जांच टीम ने कोर्ट के आदेशों पर अब दिल्ली जेल में बंद आरोपियों मनोज राठौर, पुनीत कुमार व आशीष कक्कड़ को गिरफ्तार किया। आरोपी मनोज राठौर, पुनीत कुमार का ड्राइवर था। उसके नाम पर पुनीत व आशीष ने उसके दस्तावेजों व केवाईसी से कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं। जांच में पुनीत व आशीष मक्कड़ का नाम सामने आया। पता चला कि इन दोनों ने भारत में करीब 167 फर्मों के लिए 188 बैंक खाते और 105 विदेशी अंतर्राष्ट्रीय फर्मों के लिए 110 बैंक खाते खोल रखे थे। जिनमें लोन की एप के जरिए की जाने वाली ठगी के पैसे ट्रांसफर होते थे। इन दोनों ठगों ने विदेशी कंपनियों में से चीन में 46, सिंगापुर में 30, हांगकांग में 18, यूएई में सात, मलेशिया में दो, थाईलैंड और मॉरीशस में एक-एक बनाई हुई थी। इसके अलावा यह दोनों हवाला के पैसों को भी इधर से उधर करते थे।
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