आर्थिक-उपहार : 12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा, नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में
नई दिल्ली 1 फरवरी। आम से लेकर खास आदमी तक की नजर इस बार आम बजट पर रही। जिसमें इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
जानकारी के मुताबिक नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87-ए के तहत दी गई है। यानि नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा।
मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी।
इनकम टैक्स को लेकर बड़े बदलाव :
रेंट से होने वाली इनकम पर टीडीएस की सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख की गई है। यानि अब 6 लाख रुपए तक के सालाना किराए पर टीडीएस नहीं काटा जाएगा। इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों को बैंक और पोस्ट ऑफिस के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाली टैक्स छूट को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया गया है। यानि अब ब्याज की इनकम पर वरिष्ठ नागरिकों को एक लाख रुपए तक की राहत मिलेगी।
इसके अलावा पुराने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल की गई है। अगर किसी करदाता ने अपना रिटर्न गलत फाइल किया हो या फाइल करना रह गया हो तो वह अब इस गलती को 4 साल के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल करके ठीक कर सकेंगे। इसी तरह बजट में सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस पर टैक्स राहत दी गई है। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास दो घर हैं और आप दोनों घरों में रहते हैं तो अब आप दोनों संपत्तियों पर टैक्स का फायदा ले सकेंगे। जबकि पहले टैक्स राहत सिर्फ एक सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस में ही मिलती थी।
सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। इससे टैक्स सिस्टम को और आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसका मकसद टैक्सपेयर्स को बेवजह नोटिस और परेशानियों से बचाना है। इसके साथ ही केवाईसी प्रक्रिया भी आसान की जाएगी, जिससे बैंक और अन्य वित्तीय कामों में कम कागजी झंझट होगा।
अहम सवाल पुरानी-नई टैक्स रिजीम से जुड़े
नए टैक्स स्लैब में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया। हालांकि इसमें टैक्स डिडक्शन किए गए। अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
अगर आप ईपीएफ, पीपीएफ और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश करते हैं तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपयों भी आपकी टैक्सेबल इनकम में घट जाते हैं।
अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।
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