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लुधियाना सीट से भावाधस के उम्मीदवार धींगान को बनाए जाने पर समुदाय के बड़े नेताओं ने चुप्पी साधी

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सियासी-मजबूरी : चर्चा, बाकी नेता विरोध करेंगे तो धींगान
को मिलेगी चर्चा, हक में बोले तो उनकी पार्टी जवाब मांगेगी

लुधियाना 22 अप्रैल। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज ने संगठन के राष्ट्रीय निर्देशक नरेश धींगान को लुधियाना लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों व दलित समाज के लिए यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यहां बता दें कि भावाधस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने धींगान को उम्मीदवार बनाने के पीछे यह तर्क दिया है कि सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनावों में टिकट देने के मामले में उनके समुदाय की घोर-उपेक्षा की है। अब सवाल यह है कि इतने बड़े इलजाम के बावजूद किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई। साथ ही कमोबेश सभी राजनीतिक दलों से जुड़े इस समुदाय के नेता भी चुप्पी साध गए। इसे लेकर जानकार दो मुख्य कारण मान रहे हैं। जिसके चलते राजनीतिक दलों से परोक्ष या अपरोक्ष रुप से जुड़े दलित समाज के नेता चुनावी माहौल में खामोशी अख्तियार करने में ही बेहतरी मान रहे हैं।
जानकारों की मानें तो अगर किसी भी दल से जुड़े दलित नेता ने इस वक्त भावाधस के उम्मीदवार को लेकर विरोध में कुछ बोला तो समाज में नाराजगी भी पैदा हो सकती है। जिस पर बयानबाजी करने वाले नेताओं को वहां सियासी नुकसान हो सकता है, जिस भी दल से वे जुड़े हैं। इसके उलट अगर जो भी दलित नेता भावाधस उम्मीदवार के हक में बोलेगा तो यह मैसेज जा सकता है कि उनकी पार्टी भी दलितों की उपेक्षा कर रही है।
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