केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और अश्विनी वैष्णव के साथ नीति आयोग की टीम ने समझाया इसका महत्व
चंडीगढ़, नई दिल्ली,, 16 सितंबर। नीति आयोग ने अपने फ्रंटियर टेक हब के तहत परिवर्तनकारी पहल की हैं। मसलन, विकसित भारत के लिए एआई रोडमैप और त्वरित आर्थिक विकास के अवसर के अलावा नीति फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी की शुरुआत की है।
इस रोडमैप का शुभारंभ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल, सूचना-प्रसारण व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। उनके नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर. सुब्रह्मण्यम और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन भी मौजूद रहे। इस मौके पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि विकास लाने को देश के सभी जिलों में एआई-समर्थित प्रौद्योगिकियों को अपनाना चाहिए। उन्होंने तकनीकी नवाचार में सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व बताते कहा कि नीति आयोग का फ्रंटियर टेक हब एक छत्ते की तरह है। जो सरकार, उद्योग और नवप्रवर्तकों को एक पारिस्थितिकी तंत्र में लाता है और विचारों को प्रभाव में उत्प्रेरित करता है। भारत अग्रणी प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में पीछे नहीं रह सकता, उसे नेतृत्व का लक्ष्य रखना चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा कि एआई हमारे काम करने और जीने के तरीके को मौलिक रूप से बदलने जा रहा है। आज सबसे बड़ा बदलाव हमारे युवाओं में यह विश्वास जगाना है कि हम विकसित भारत का सपना देख सकते हैं। आज विकास मजबूत, समावेशी और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है। रोडमैप एआई के वादे को परिणामों में बदलने के लिए एक व्यावहारिक कार्य योजना प्रस्तुत करता है, जिसमें दो प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। रोडमैप के पूरक के रूप में, फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी भारत भर के चार क्षेत्रों – कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी 200 से ज़्यादा प्रभावशाली कहानियों को प्रदर्शित करती है। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे राज्य और स्टार्टअप आजीविका में बदलाव लाने के उद्देश्य से तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।
नीति आयोग के सीईओ सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत की 8% विकास दर की महत्वाकांक्षा उत्पादकता और नवाचार में एक बड़े बदलाव की मांग करती है। एआई इस क्षमता को उजागर करने की कुंजी है। नीति आयोग की विशिष्ट फेलो और फ्रंटियर टेक हब की मुख्य वास्तुकार, सुश्री देबजानी घोष ने कहा कि मेगा टेक बदलावों की अगली लहर एआई से भी अधिक विघटनकारी होगी। भारत के नेतृत्व के लिए यह ज़रूरी है कि रुझानों का पहले से अनुमान लगाया जाए और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने, वैश्विक मानकों को परिभाषित करने और मज़बूत गठबंधन बनाने के लिए ठोस रोडमैप तैयार किए जाएं।
इस कार्यक्रम में स्टार्ट-अप संस्थापकों और जिला मजिस्ट्रेटों जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों ने भाग लिया। जिन्होंने जमीनी स्तर पर अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर क्रांति ला दी है। साथ ही उद्योग जगत के नेताओं के अलावा जिला पदाधिकारी और सरकारी अधिकारी भी पूरे देश से वर्चुअली जुड़े।