सैनी सरकार ने 394 आरोपियों को कारण बताओ नोटिस थमाए, 26 कर दिए निलंबित
हरियाणा 29 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट की फटकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तलवार लटकने के बावजूद सूबे में लगातार पराली जल रही है। लिहाजा पराली जलाने से रोकने में कोताही बरतने वाले 17 अफसर चार्जशीट किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य की सैनी सरकार द्वारा अभी तक कुल 394 अफसरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है। जबकि कृषि विभाग के 26 अफसरों को निलंबित किया गया है। 23 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के मामले में सुनवाई से दो दिन पहले ही सरकार के निर्देशानुसार एक साथ 24 अफसरों को निलंबित किया गया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट करना विभागीय प्रक्रियाहै। ड्यूटी में कोताही बरतने वाले अफसर या कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने पर चार्जशीट किए जाते हैं। इसमें विभाग के डॉयरेक्टर ही चार्जशीट होने वाले अफसरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर फैसला लेते हैं।
वहीं, अब चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने को मामले को लेकर अगली सुनवाई है। राज्य में सोमवार को कुल 11 नए मामले पराली जलाने के आए। जबकि नौ किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की गई। जबकि सात नई एफआईआर भी दर्ज की गईं। 15 सितंबर से 28 अक्तूबर तक राज्य में पराली जलाने के कुल 723 मामले आ चुके हैं। इनमें कैथल जिले में सबसे ज्यादा पराली जली है। अभी तक 448 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है, जो दो सीजन तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।
गौरतलब है कि हरियाणा में पराली जलाने पर अभी तक कुल 216 एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं। कैथल में पराली जलाने के 135, कुरुक्षेत्र में 99, अंबाला में 78, करनाल में 78, जींद में 56, फतेहाबाद में 48 और सोनीपत में 47 मामले आ चुके हैं।
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