नोएडा की एमएलएम कंपनी ‘व्यूनाउ’ और उसके प्रवर्तकों पर निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप, 13 परिसरों पर छापे
नई दिल्ली, चंडीगढ़ 18 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के रडार पर फिर से पंजाब आ गया। दरअसल नोएडा में पंजीकृत एमएलएम कंपनी ‘व्यूनाउ’ के खिलाफ ईडी द्वारा ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। जिस पर ‘डेटा कंप्यूटिंग और क्लाउड स्टोरेज’ देने वाली ‘पोंजी स्कीम’ की आड़ में कई निवेशकों को ठगने का आरोप है। ईडी की टीमों ने मोहाली के जीरकपुर के अलावा दिल्ली, यूपी और मुंबई में कंपनी के 13 परिसरों पर छापे मारे।
सूत्रों के मुताबिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानि एफईएमए के प्रावधानों के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के जालंधर कार्यालय द्वारा यह बड़ी कार्रवाई की गई। ईडी की टीमों ने ‘व्यूनाउ’ कंपनी और उसके प्रवर्तकों के करीब 13 परिसरों की तलाशी ली। जिसमें पंजाब के जीरकपुर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के नोएडा व गाजियाबाद के साथ ही मुंबई के परिसर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार ईडी को संदेह है कि कंपनी ने ‘क्लाउड स्टोरेज और डेटा कंप्यूटिंग’ सेवाएं उपलब्ध कराने के नाम पर निवेशकों को ठगा है। कंपनी और उसके प्रवर्तकों की तरफ से किए गए कुछ विदेशी लेनदेन ईडी की जांच के दायरे में हैं।
ईडी ने गुजरात में भी मारे छापे :
उधर ईडी ने वीरवार को ‘जीएसटी-धोखाधड़ी’ से जुड़े धन-शोधन के एक मामले में गुजरात में कई शहरों में छापेमारी की। जिसमें राज्य पुलिस ने हाल में एक पत्रकार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने मुताबिक धनशोधन निवारण अधिनियम यानि पीएमएलए के तहत मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने राजकोट, जूनागढ़, अहमदाबाद, भावनगर और वेरावल शहरों में करीब 23 परिसरों पर छापेमारी की। सूत्रों ने मुताबिक ईडी कथित जीएसटी धोखाधड़ी मामले में कई अन्य कंपनियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। धनशोधन का यह मामला अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा की प्राथमिकी से संबंधित है। अपराध शाखा ने एक फरवरी व एक मई, 2023 के बीच माल की आपूर्ति किए बिना बिल जारी कर जीएसटी के तहत फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ का ‘फर्जी’ दावा करने वाली एक आरोपी कंपनी ध्रुवी एंटरप्राइज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
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