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भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खाली करना होगा सरकारी आवास, हरियाणा सरकार के मंत्री को पसंद आई ये कोठी, भेजा नोटिस

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हरियाना/यूटर्न/1दिसंंबर: हरियाणा के पूर्व मुखयमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीति मुश्किल बढ़ सकती है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी हाईकमान और प्रदेश के नेताओं के निशाने पर आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अब प्रदेश सरकार ने सरकारी आवास खाली नहीं करने के मुद्दे पर घेर लिया। बताया जा रहा है कि हुड्डा का आवास कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गया है। गोयल की मांग के बाद सरकार ने हुड्डा को सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भेज दिया है। इसके जवाब में हुड्डा ने 15 दिन का समय मांगा है। इस बीच अगर हुड्डा नेता प्रतिपक्ष नहीं बनते हैं तो उन्हें यह मकान खाली करना पड़ सकता है। वर्ष 2014 में हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई। उस समय आईएनएलडी के अभय चौटाला नेता प्रतिपक्ष थे। वर्ष 2019 में जब दूसरी बार बीजेपी सरकार आई तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष बने। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री के समकक्ष सुविधाएं दी जाती है, जिसके चलते उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर-7 में कोठी नंबर-70 अलॉट कर दिया गया। सेक्टर-7 में हरियाणा के ज्यादातर मंत्री और यूटी चंडीगढ़ में प्रशासक के सलाहकार का आवास है। पिछले पांच साल से भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के कैबिनेट मंत्रियों वाली कतार में ही रह रहे हैं। यह आवास ठीक कैबिनेट मंत्रियों के आवास की तरह बना हुआ है।
कोठी खाली करने का नोटिस भेजा
हुड्डा अक्सर यहीं पर बैठकें करते हैं। अब तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने के बाद विधानसभा और लोक निर्माण विभाग के नोटिस के बाद ज्यादातर पुराने मंत्री और विधायक सरकारी आवास खाली कर चुके हैं, लेकिन हुड्डा अभी भी सेक्टर-7 की कोठी नंबर-70 में रह रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अभी तक नेता प्रतिपक्ष नहीं बने हैं। वे इस समय अन्यों की तरह केवल कांग्रेस के विधायक हैं। इस चलते भूपेंद्र सिंह हुड्डा को यह आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है।
15 दिन का समय मांगा
सूत्रों की मानें तो हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल इस आवास में शिफट करना चाहते हैं। हालांकि, विपुल गोयल को हुड्डा के पड़ोस में ही 68 नंबर कोठी अलॉट हो चुकी है, लेकिन वह उन्हें पसंद नहीं है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री की पसंद को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हुड्डा पर सरकारी आवास खाली करने का दबाव बनाया है। नोटिस का जवाब देते हुए हुड्डा ने यह आवास खाली करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है।
हुड्डा सरकार में लागू फैसला न बदलता तो सुरक्षित था आवास
भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के मुखयमंत्री रहते हुए एक फैसला किया था, जिसके अनुसार पूर्व मुखयमंत्री को प्रदेश में आजीवन कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुखयमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थी। जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और बीजेपी सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुखयमंत्री हो गए। मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने आते ही हुड्डा सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को रद्द कर दिया था।
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