16 जनवरी को ही मनाते हैं ज्योति ज्योत पर्व
लखविंदर जोगी
चंडीगढ़ 16 जनवरी। भगत नाम देव जी का जन्म आज से करीब 8 सौ साल पहले महाराष्ट्र के गांव पंडरपुर में हुआ था। वह बचपन से ही विठ्ठल भगवान श्री हरी विष्णु जी की भक्ति में लीन रहते थे।
वहां से वियोग हुआ तो धरती का भ्रमण करते हुए घुमाण जिला गुरदासपुर पंजाब में पहुंच गए। वहां उन्होंने 20 फुट डूंगे भोरे के अंदर बैठकर 27 साल भगवान की भक्ति की। वहां से अपने एक चेले की बारात में नाम देव जी गांव मरडी कलां जिला अमृतसर पहुंचे। जहां पर श्रद्धा से आने वालों को आज भी उनके चमत्कार देखने को मिलते हैं। यहां हर साल 16 जनवरी को उनका ज्योति ज्योत पर मनाया जाता है।
इस दौरान पूरा गांव सजाकर पालकी निकली जाती है। पूरे गांव पर हेलिकाप्टर से फूलों की वर्षा की जाती है। लोग दूरदराज से यह नजारा देखने के लिए पालकी के मेले में शामिल होते हैं। गांव वाले लोगों के लिए तमाम जगह तरह तरह के लंगर लगाते हैं। भगत नाम देव जी की भक्ति की शक्ति की कृपा आज भी वहां पर बरसती है।
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