यूपी में होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंका, 10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदला, दो जगह हाई अलर्ट

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शाहजहांपुर 12 मार्च। इस बार होली 64 साल के बाद रमजान के जुमे के दिन है। इससे पहले 1961 में 4 मार्च को होली और रमजान का शुक्रवार (जुमा) साथ-साथ था। रंग में भंग न पड़ जाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन अलर्ट है। प्रदेश के 10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदल दिया गया है। मस्जिदों को रंग-गुलाल से बचाने के लिए तिरपाल से ढक दिया गया है। शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा 67 मस्जिदों को तिरपाल और पन्नी से ढंका गया है। लाट साहब के जुलूस के लिए पुलिस संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर रही है। एक हजार से ज्यादा पुलिस जवान दूसरे जिलों से आए हैं।

300 साल पुरानी जूता मार होली की परंपरा
शाहजहांपुर में जूता मार होली खेलने की परंपरा 300 सालों से चली आ रही है। होली के दिन यानी 14 मार्च को लाट साहब का लंबा-चौड़ा जुलूस निकलेगा। इसमें एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बिठाया जाता है। लोग उस पर रंग, जूते-चप्पल बरसाते हैं। शाहजहांपुर में लाट साहब के दो जुलूस निकाले जाते हैं, जिन्हें छोटे और बड़े लॉट साहब कहा जाता है। कोतवाल लाट साहब को सलामी देकर नेग देते हैं, इसके बाद जुलूस रोशनगंज, बेरी चौकी, अंटा चौराहा होते हुए थाना सदर बाजार क्षेत्र में प्रवेश करता है। बाबा विश्वनाथ मंदिर पर जुलूस खत्म हो जाता है। चौक से निकलने वाले इस जुलूस का रूट करीब 8 किलोमीटर का होता है। इसलिए रास्ते की 67 मस्जिदों और मजारों को तिरपाल से ढंका गया है। जिससे उन पर रंग और गुलाल न पड़े।

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