बठिंडा पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने वेतन न मिलने पर किया प्रदर्शन, यात्रियों को हो रही है असुविधा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

सोनू टुटेजा
बठिंडा 17 जून। पंजाब पीआरटीसी पन बस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने वेतन न मिलने के विरोध में मंगलवार को बठिंडा बस स्टैंड पर दो घंटे तक जाम लगाया। जिसके दौरान बसों में सफर करने वाले यात्रियों को कई घंटों तक परेशानी का सामना करना पड़ा। इस अवसर पर पीआरटीसी पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के बठिंडा डिपो के अध्यक्ष रविंदर सिंह ने बताया कि हमारे संगठन ने कम वेतन पर काम कर रहे कांट्रैक्ट वर्कर्स के वेतन के संबंध में पहले ही पंजाब सरकार को नोटिस दे रखा है। पंजाब सरकार ने अभी तक मई माह का वेतन नहीं दिया है, जिसके विरोध में उन्होंने पहले ही 11 मई को पूर्ण रूप से रोष प्रदर्शन करने तथा बस स्टैंड जाम करने का एलान किया था। लेकिन यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए उनके संगठन ने 17 जून को एक निर्णय लिया। जिसके चलते मंगलवार को बठिंडा बस स्टैंड डिपो पर दो घंटे तक बस जाम रखा गया। इस दौरान बठिंडा बस डिपो के अध्यक्ष रविंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पर महिलाओं को मुफ्त बस सेवा प्रदान करने के लिए पनबस पीआरटीसी विभाग की ओर से 650 करोड़ रुपये की राशि बकाया है, जिसे पंजाब सरकार ने अभी तक जारी नहीं किया है। अगर वह भी जारी कर दिया जाता तो ठेका कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन पंजाब सरकार न तो समय पर वेतन दे रही है और न ही बकाया भुगतान कर रही है। जिसके चलते उन्हें मजबूरन बस स्टॉप जाम करने पड़ रहे हैं। अगर पंजाब सरकार उनकी मांग नहीं सुनती तो आने वाले समय में संघर्ष को तेज किया जाएगा और पूरे राज्य में बस स्टॉप जाम किए जाएंगे।

23,015 लोगों को निकाला गया, 123 राहत शिविरों में 5,416 लोगों को शरण दी गई: हरदीप सिंह मुंडियन *बाढ़ प्रभाव अपडेट: तीन और लोगों की जान गई, प्रभावित जनसंख्या बढ़कर 3.87 लाख से अधिक हुई *फसल का नुकसान 1.84 लाख हेक्टेयर से अधिक पहुंचा*

23,015 लोगों को निकाला गया, 123 राहत शिविरों में 5,416 लोगों को शरण दी गई: हरदीप सिंह मुंडियन *बाढ़ प्रभाव अपडेट: तीन और लोगों की जान गई, प्रभावित जनसंख्या बढ़कर 3.87 लाख से अधिक हुई *फसल का नुकसान 1.84 लाख हेक्टेयर से अधिक पहुंचा*

नदियों के लिए बाढ़ के मैदानों को छोड़ना ज़रूरी है – संत सीचेवाल *प्रकृति के करीब रहने से ही मिलेगी बाढ़ से राहत *पंजाब को 900 किलोमीटर मिट्टी के तटबंधों को मजबूत करने की जरूरत है* प्रत्येक ट्यूबवेल पर पांच पेड़ लगाने से 70 लाख नए पौधे जुड़ेंगे*