चंडीगढ/यूटर्न/21 अगस्त: चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच साइबर ठगों को गिरफतार किया है। आरोपी गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाता खुलवाते थे, फिर इन खातों के जरिए ठगी को अंजाम देते थे। आरोपियों की पहचान जिला बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी देवेंद्र यादव और शंकर सुवन शुक्ला उर्फ अभय शुक्ला, रामदरबार निवासी बरिंदर यादव, सेक्टर-22सी निवासी अविनाश और नई दिल्ली निवासी अंकित जैन के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से 14 मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड, 37 डेबिट कार्ड, दो लैपटॉप, 14 चेकबुक और तीन मोहरें बरामद की हैं। आरोपी पिछले डेढ़ महीने से सेक्टर-52 स्थित होटल फ्रेंड्स में रुके हुए थे। होटल के रजिस्टर में आरोपियों की एंट्री नहीं की गई थी। पकड़े गए आरोपियों में बैंक कर्मचारी और होटल मैनेजर भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से सभी को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने देशभर में इस तरह के 700 बैंक खाते खुलवा रखे थे। इनमें से 100 बैंक खाते देश के अलग-अलग शहरों की पुलिस ने फ्रीज करा दिए हैं। आरोपी बरिंदर यादव होटल फ्रेंड्स का मैनेजर है। उसने बिना कोई पहचानपत्र लिए आरोपियों को डेढ़ महीने तक होटल में ठहराया जबकि आरोपी अविनाश जैन सेक्टर-17 स्थित इंडियन बैंक का असिस्टेंट मैनेजर है। उसने बिना जांच किए लोगों के बैंक खाते खोलने में आरोपियों की मदद की। वहीं, आरोपी अंकित जैन ने 2023 में एक बेटिंग एप की फ्रेंचाइजी ले रखी थी। इसी बेटिंग एप के जरिए वह लोगों से ठगी कर रहा था। ठगी की रकम मंगाने के लिए उसने देवेंद्र यादव से बैंक खाते प्राप्त किए थे। ये बैंक खाते दुबई में बैठे साइबर ठगी के हैंडलरों को बेचे जा रहे थे।
11 अगस्त को दर्ज हुआ था केस
जानकारी के मुताबिक, 11 अगस्त को पुलिस को एक व्यक्ति ने फोन कर बताया था कि उसे सेक्टर-52 के एक होटल में खाता खोलने के लिए बुलाया जा रहा है। इसके बदले उसे दस हजार रुपये का लालच दिया जा रहा है। इस सूचना पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक टीम का गठन कर होटल में छापा मारकर आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने मामले का खुलासा किया। आरोपियों ने बताया कि वह चंडीगढ़ आकर गरीब लोगों को चिह्नित करते थे। इनमें मुखय रूप से रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले, ऑटो-रिक्शा चालक और छोटे वेंडर शामिल थे। उन्हें बैंक में खाता खुलवाने और किट प्रदान करने के लिए 10 हजार रुपये दिए जाते थे। इन बैंक खातों को बेटिंग एप और साइबर क्राइम के मामलों में प्रयोग किया जाता था। ऐसे ही चंडीगढ़ के सात बैंक खातों की भी पुलिस ने पहचान की है।
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