हरियाना/यूटर्न/22 दिसंंबर: स्वास्थ्य निदेशालय ने ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के टीकाकरण अभियान पर रोक लगा दी है। जागृत भारत आंदोलन की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस के बाद यह कदम उठाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि रोटरी क्लब या किसी अन्य गैर-सरकारी संगठन की ओर से चलाए जा रहे एचपीवी टीकाकरण अभियान को बंद किया जाए। दरअसल, इस साल एक निजी संस्था ने एमस झज्जर के साथ मिलकर सबसे पहले गुडग़ांव जिले से 9 से 14 साल तक की बालिकाओं के लिए एचपीवी के निशुल्क टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी, जिससे कई अभिभावकों को राहत भी मिली। दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर जताई गंभीर चिंता
जागृत भारत आंदोलन की ओर से सरकार को भेजे गए नोटिस में टीकाकरण की प्रभावशीलता और दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं। कहा गया है कि टीकाकरण कार्यक्रम लागू करने से पहले इसके संभावित प्रभावों का व्यापक अध्ययन और सर्वसमित चिकित्सीय राय ली जानी चाहिए। नोटिस में विशेष रूप से रोटरी क्लब और अन्य सामाजिक संस्थानों के साथ समन्वय में चलाए जा रहे अभियानों पर सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि इन अभियानों से संबंधित दीर्घकालिक प्रभावों का मूल्यांकन नहीं किया गया है, जो कि चिंता का प्रमुख कारण है।
एनजीओ बोले- अभियान पर रोक लगाना गलत
जिले में कई निजी संस्थाओं की ओर से इस साल टीकाकरण अभियान चलाया गया ताकि बालिकाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सके। कुछ सरकारी स्कूलों में तो बस्तियों में रहने वाली बालिकाओं के लिए भी अभियान चलाया गया था। एक एनजीओ संचालिका का कहना है कि उनकी संस्था ने भी जिले में एमस झज्जर के साथ मिलकर अभियान चलाया था। बालिकाओं को यह वैक्सीन मुफत में लगाई गई ताकि अभिभावकों पर बोझ न पड़े और समय से वैक्सीन लग सके। लेकिन, इस तरह से अभियान पर रोक लगाना गलत है। क्योंकि, जब तक यह वैक्सीन आने वाले समय में सरकार फ्री करेगी, तब तक कई बच्चियां बड़ी हो जाएंगी। उनके लिए कैंसर का खतरा बना रह सकता है।
प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोई आदेश नहीं
प्राइवेट अस्पतालों में यह वैक्सीन करीब 8 से 10 हजार रुपये में लगाई जाती है। अभिभावक अब इस बारे में अवेयर हो रहे हैं और 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों के लिए आदेश में कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में यहां मोटी रकम देकर वैक्सीन लगवाई जा सकती है।
नहीं शुरू हो पाया सरकारी अभियान
सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस साल के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि देश में बालिकाओं को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का मुफत टीका लगाया जाएगा। 9 से 14 साल की बालिकाओं के लिए सरकार ने स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाने की बात कही थी। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक यह अभियान शुरू नहीं हो पाया है।
9 से 14 साल तक की उम्र में ज्यादा कारगर
एमस झज्जर के प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी विभाग से डॉ. हरि कृष्ण राजू का कहना है कि यह वैक्सीन वैसे तो 9 से 45 साल की बच्चियों और महिलाओं को लगती है, लेकिन 9 से 14 साल तक की बालिकाओं को लगने पर ही वैक्सीन ज्यादा कारगर साबित होती है।
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निजी संस्थाओं के एचपीवी टीकाकरण अभियान पर रोक, जानें हरियाणा स्वास्थ्य विभाग का पूरा आदेश
Kulwant Singh
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