अमृतसर 5 अक्टूबर। अमेरिकी सरकार ने सेना में दाढ़ी रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश का सिख सैनिकों और सिख संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है। एसजीपीसी ने विरोध जताया है कि नए आदेश से सिख सैनिकों पर सबसे पहले असर होगा। सिखों के अलावा यहूदी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा। एसजीपीसी के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने आपत्ति उठाई है। उन्होंने कहा कि आज जो जानकारी अमेरिकी सरकार की तरफ से दी गई है कि सेना में किसी को दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं होगी। इसका सबसे पहले असर सिखों के साथ-साथ यहूदी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पड़ेगा। ये जानकारी बुरी है और इसे गलत करार दिया जाता है।
लोगों को धर्म व मर्यादा को सम्मान देना बनता है
एसजीपीसी सदस्य ग्रेवाल ने कहा कि अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है, जहां लोगों को धर्म की आजादी है। इसलिए लोगों के धर्म व उसकी मर्यादा को सम्मान देना बनता है। हम अमेरिका की सिख संस्थाओं से तालमेल करेंगे और इस बारे में जानकारी लेंगे। उन्होंने ये भी कहा है कि अगर किसी को इस आदेश पर आपत्ति है तो वे टिप्पणी व विरोध कर सकता है।
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