चर्चाएं, कांग्रेस के अघोषित-सुप्रीमो सुप्रीमो राहुल गांधी पंजाब कांग्रेस की संगठनात्मक कार्यशैली से खफा, पूर्व मंत्री आशु भी कर सकते हैं कमबैक
लुधियाना, 22 सितंबर। पंजाब में खुद कांग्रेस के दिग्गज नेता बेबाकी से सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि उनको विरोधी पार्टियां नहीं, बल्कि ‘अपने’ ही चुनावों में हरा सकते हैं। सूबे में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को कड़ी चुनौती देने के बावजूद कांग्रेस के ‘हाथ’ से सत्ता फिसल गई थी। नतीजतन कांग्रेस को विधानसभा में विपक्ष में बैठना पड़ा। साथ ही नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को बनाया गया।
यहां गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी, 2002 में बाजवा ने एक सनसनीखेज बयान दिया था। जिसमें उन्होंने इशारों में ही अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था कि अगर चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने सीएम बनाया था तो वह सीएम-फेस क्यों नहीं हो सकते हैं। अब बदले हालात में सियासी-तस्वीर भी बिल्कुल अलग है। चन्नी जालंधर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद हैं। जबकि पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी लुधियाना से लोकसभा सांसद हैं। जबकि पूर्व सांसद बाजवा अब पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।
चर्चा, राहुल कर सकते हैं पंजाब में बड़ा उलटफेर :
बताते हैं कि पंजाब पर कांग्रेस का पूरा फोकस है। लिहाजा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसे लेकर पूरी तरह गंभीर है। चर्चाओं के मुताबिक कांग्रेस के अघोषित-सुप्रीमो राहुल ने पंजाब कांग्रेस की समीक्षा को अनौपचारिक बैठक की थी। जिसमें उन्होंने सूबे के वरिष्ठ नेता बाजवा को अगले विस चुनाव के लिए सीएम-फेस के तौर पर तैयारी करने के संकेत दिए। हालांकि पार्टी के स्तर से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। यह भी चर्चा है कि राहुल गांधी ने पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण को सूबे में पार्टी की गुटबाजी के चलते साइड-लाइन किए जाने पर रोष जताया। लिहाजा कयास लगाए जा रहे हैं कि आशु भी पार्टी में बेहतर स्थिति में ‘कम-बैक’ कर सकते हैं।
———