खराब मौसम और घटिया बीज से झोने की पैदावार बुरी तरह प्रभावित, मंडियों में अव्यवस्था से किसान बेहाल

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

डेराबस्सी, 27 सितम्बर–

पंजाब के किसानों के लिए इस बार झोने की फसल उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। खराब मौसम और घटिया बीज के कारण पैदावार आधे से भी कम रह गई है। किसानों का कहना है कि जहां सामान्यत: एक बीघे से करीब 9 क्विंटल झोना निकलता था, वहीं इस बार महज 3 से 4 क्विंटल ही मिल रहा है। इससे किसानों की लागत तक पूरी नहीं हो पा रही।

किसान यूनियन राजेवाल के ब्लॉक प्रधान करम सिंह ने बताया कि खराब उत्पादन के चलते किसानों की आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ गई है। हालात और खराब तब हो गए जब हरियाणा सरकार ने पंजाब के झोने की खरीद पर रोक लगा दी। इसके बाद डेराबस्सी की मंडियों पर दबाव अचानक बढ़ गया। मंडियों में जगह की भारी कमी के कारण किसानों को अपने ट्रालियों में माल लेकर 2-2 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई किसानों का झोना इंतजार के दौरान ही खराब हो रहा है।

यूनियन लखोवाल के एग्जीक्यूटिव मेंबर मनप्रीत सिंह अमलाला ने कहा कि मंडियों में झोने को सुखाने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। नतीजतन नमी अधिक निकल रही है और किसानों को अपना माल बेचने में और भी दिक्कत आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही हरियाणा में बिक्री पर रोक लगी, पंजाब की मंडियों का प्रबंधन पूरी तरह फेल हो गया।

उन्होंने यह भी बताया कि इस बार बाढ़ के पानी ने भी झोने की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। खराब पैदावार और मंडी की अव्यवस्था से किसानों का धैर्य टूट रहा है। किसानों की यूनियनों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि तुरंत प्रभाव से प्रति बीघा उचित मुआवजा दिया जाए और मंडियों का दायरा बढ़ाकर व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

किसान नेताओं का कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते राहत नहीं दी तो किसानों की आर्थिक हालत और खराब हो जाएगी। इस समय किसान दोहरी मार झेल रहे हैं—एक तरफ पैदावार का नुकसान और दूसरी तरफ मंडियों की अव्यवस्था।

Leave a Comment