निःशुल्क नेत्र शिविर से 500 मरीजों को लाभ – 500 पौधे वितरित कर उन्हें बच्चों की तरह पालने का संकल्प लिया गया।
कालिया
मुल्लांपुर दाखा, 2 जुलाई : – संत बाबा बीरवल दास जी द्वारा आज गांव दाखा में सभी सामान्य आध्यात्मिक दरबार और वार्षिक उर्स और भंडारे का आयोजन बड़े उत्साह और भक्ति के साथ किया गया। सुबह संत बाबा जगदीश नाथ योगी ने ध्वजारोहण की रस्म अदा की। बाद में स्वामी सोम गिरि, स्वामी नारायण गिरि, संत महेंद्र दास पखोवाल और स्वामी प्रशोतम दास हिस्सोवाल ने दरगाह पर चादर फैलाने की रस्म अदा की। सुखमनी साहिब जी के पाठ के बाद संतों ने अपनी मुखारबिंद कथा की व्याख्या की, वहीं कीर्तनी मंडली जसविंदर सिंह मंडियानी, मलकीयत सिंह ढक्की ने दिव्य भजनों का मनोहर कीर्तन किया।
इस अवसर पर स्वामी विवेका नंद कुटिया गरीबदास इच्छेवाला ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य हर अच्छे और बुरे व्यक्ति को रोशनी देता है और फूल सभी को एक जैसी खुशबू देते हैं, उसी प्रकार गुरु के लिए अमीर और गरीब दोनों समान हैं। . स्वामी परहत दास गद्दी नशीन बाबा श्री चंद अस्थान टोलेवालों ने कहा कि कोई भी प्राणी पुराण गुरु के बिना भवसागर को पार नहीं कर सकता, भले ही वह ब्रह्मा विष्णु के समान ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि भक्तिमय कांता मणि ही उनके लिए दिन-रात एकमात्र रोशनी है। उसे तेल, दीपक और दीपक की जरूरत नहीं है. इसलिए हर बार ध्यान करें जो अंत में आपकी मदद करेगा। बाबा बिबल दास जी ने कहा कि सतगुरु की वाणी ही असली मुद्रा है, जो लोक और परलोक में चलती है, इसलिए सांसों के माध्यम से मुद्रा इकट्ठा करो जो अंत में आपकी मदद करेगी। स्वामी प्रशोतम दासजी हिस्सोवाल वालों ने कहा कि जिस समय सतगुरु के उपदेश से भगवान के नाम का कीर्तन होता है, उस समय सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं। स्वामी नारायण गिरि
कहा कि जो प्राणी भगवान का नाम जपता या सुनता है, दुख उसके निकट नहीं आ सकता। इस अवसर पर बाबा बीरबल दास ने 500 फलदार व छायादार पेड़ों का लंगर लगाया और संकल्प लिया कि हर परिवार पेड़ों का अपने बच्चों की तरह पालन-पोषण करेगा। इस अवसर पर निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर डाॅ. इसे गगनदीप सिंह द्वारा स्थापित किया गया था जिसमें लगभग 500 रोगियों को लाभ हुआ और रोगियों को मुफ्त दवाएँ और चश्मे भी वितरित किए गए। इस अवसर पर बाबा बीरबल दास ने आये हुए साधु-संतों एवं कीर्तनी जत्थों को सम्मानित किया।
इस मौके पर जगजीवन सिंह रकबा, सुखजोत रकबा, प्रधान केहर सिंह, गुरमेल सिंह बासियां बेट, बीर सिंह, राज सिंह पंडोरी, बलविंदर दाखा, गुरजीत रकबा, नरिंदर सिंह, राजीव मल्होत्रा, प्रमजीत कौर अयाली आदि मौजूद थे।
कैप्शन: बाबा बीरबल दास (नीचे) संतों का सम्मान करते हुए, पौधे वितरित करते हुए, गुरमेल सिंह (साथ में), डॉक्टर और मरीजों की जांच करते तीमारदार।