धर्म, संस्कृति और परंपरा का प्रतिबिम्ब है दीपोत्सव
मनोज कुमार अग्रवाल आज कलियुग के प्रथम चरण में हर ओर अधिक से अधिक सुख साधन संपत्ति जुटाने की होड़ लगी है इस आपाधापी में जीवन का नैसर्गिक स्वरूप मनुष्य खुद नष्ट कर घोर प्रतिस्पर्धा और अभीप्साओं के चक्रव्यूह में फंस कर शांति और संतुलन को गंवा रहा है। आज के मनुष्य के जीवन में … Read more