वी.एस. अच्युतानंदन : समझौताहीन संघर्ष की कम्युनिस्ट परंपरा के प्रतीक

पिनरायी विजयन, अनुवाद : संजय पराते)* कॉमरेड वी.एस. अच्युतानंदन का जीवन, जिनका सोमवार (21 जुलाई, 2025) को 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया, सामान्यतः केरल के इतिहास और विशेष रूप से, यहाँ के क्रांतिकारी आंदोलन का एक उल्लेखनीय अध्याय है। कामरेड वी.एस. अच्युतानंदन संघर्षों की एक शानदार परंपरा, असाधारण दृढ़ संकल्प और अडिग संघर्षशीलता के प्रतीक थे। उनका एक शताब्दी लंबा जीवन केरल के आधुनिक इतिहास से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने जनता की समस्याओं को उठाया और जनता के साथ खड़े रहे। वी.एस. का केरल के इतिहास में अद्वितीय योगदान है, जिन्होंने विभिन्न चरणों में केरल सरकार, माकपा, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और विपक्ष का नेतृत्व किया। इतिहास यह दर्ज करेगा कि वे केरल की राजनीतिक विरासत का हिस्सा हैं। वी.एस. का निधन एक युग का अंत है। इससे माकपा, क्रांतिकारी आंदोलन और संपूर्ण लोकतांत्रिक प्रगतिशील आंदोलन को भारी क्षति हुई है। पार्टी इस क्षति की भरपाई सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से ही कर सकती है। यह वह समय है, जब लंबे समय तक साथ काम करने की कई यादें ताज़ा हो जाती हैं। वी.एस. का जीवन असाधारण ऊर्जा और क्रांतिकारी आंदोलन की ताकत से भरा एक घटनापूर्ण जीवन था। वी.एस. का जीवन केरल और कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास का एक संघर्षपूर्ण अध्याय है। वी एस का राजनैतिक जीवन प्रबल सामंतवाद और जातिवाद के अंधकारमय दौर को बदलने के लिए किए गए संघर्षों के माध्यम से उभरा, जब उन्होंने मज़दूरों और किसानों के विद्रोहों को संगठित करके आंदोलन को विकसित किया। एक साधारण पृष्ठभूमि से, कम्युनिस्ट आंदोलन के विकास के चरणों के माध्यम से, वे केरल के मुख्यमंत्री के पद तक पहुँचे। 1964 में जब कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन हुआ, तो राष्ट्रीय परिषद छोड़ने वाले 32 लोगों में वे भी शामिल थे।वी.एस. के निधन के साथ ही यह आखिरी बची कड़ी भी टूट गई। इसके साथ ही एक मूल्यवान राजनीतिक उपस्थिति भी लुप्त हो गई, जिसने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम और समकालीन राजनीति के बीच तालमेल बिठाए रखा था। एक कम्युनिस्ट नेता, विधान सभा के सदस्य, विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री के रूप में, वी.एस. के अनेक योगदान हैं। वे पुन्नप्रा-वायलार संघर्ष के पर्याय बन गए थे, जिन्होंने कष्ट और सहनशीलता के साथ जीवनयापन किया। वी.एस. बहुत तेज़ी से एक मज़दूर से मज़दूर वर्ग आंदोलन के एक सशक्त नेता बन गए। कम्युनिस्ट पार्टी ने वी.एस. को विकसित किया और वी.एस. ने पार्टी का विकास किया। 1940 में 17 साल की उम्र में वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए थे और 85 साल की लंबी अवधि तक पार्टी के सदस्य रहे। वी.एस. कुट्टनाड गए और वहां उन्होंने खेतिहर मज़दूरों की उजरती गुलामी और जातिगत गुलामी को खत्म करने के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया। उन्होंने कुट्टनाड के गाँवों में घूम-घूम कर खेतिहर मज़दूरों की बैठकें आयोजित कीं और उन्हें एक संगठित शक्ति के रूप में विकसित किया। उन्होंने यह काम ज़मींदारों और पुलिस को चुनौती देकर किया। वी.एस. ने 'त्रावणकोर खेत मजदूर यूनियन' के गठन में और बाद में केरल के सबसे बड़े मजदूर आंदोलनों में से एक, 'केरल राज्य खेत मजदूर यूनियन' के रूप में इसके विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वी.एस. के नेतृत्व में अनगिनत संघर्षों ने कुट्टनाड के सामाजिक इतिहास को बदल दिया। वे बेहतर मजदूरी, चप्पा प्रथा के उन्मूलन, टिकाऊ रोजगार और अतिरिक्त भूमि की जब्ती के संघर्षों में सबसे आगे थे। खेतों की मेड़ों पर कई किलोमीटर पैदल चलकर और उनकी झोपड़ियों में जाकर उन्होंने खेत मजदूरों में आत्मविश्वास और टीम भावना जगाने का प्रयास किया, जिसके चलते खेत मजदूर बड़े पैमाने पर आंदोलन की ओर आकर्षित हुए। 1948 में पार्टी पर प्रतिबंध लगने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 1952 में, उन्हें पार्टी का अलप्पुझा संभाग सचिव चुना गया। इस दौरान, वे एकीकृत केरल के लिए कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चलाए जा रहे आंदोलनों में सक्रिय रहे। 1957 में जब कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई, तो वे पार्टी के अलप्पुझा जिला सचिव और राज्य सचिवालय के सदस्य बने। 1959 में, वे पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने। वी.एस. ने अधिशेष भूमि संघर्ष सहित कई साहसी संघर्षों का नेतृत्व किया। वे कुल मिलाकर, साढ़े पाँच साल से अधिक समय तक जेल में रहे। वे 1964 से सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य थे। वे 1985 में पोलिट ब्यूरो के सदस्य बने। उन्होंने 1980 से 1992 तक सीपीआई (एम) के राज्य सचिव और 1996 से 2000 तक एलडीएफ संयोजक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2015 में कोलकाता में आयोजित 21वीं पार्टी कांग्रेस में वृद्धावस्था के कारण केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया। बाद में, वे केंद्रीय समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए। वह 2001 से 2006 तक विपक्ष के नेता रहे। वह 2006 से 2011 तक मुख्यमंत्री रहे। वे 2011 से 2016 तक फिर से विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करते रहे। वह एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने सभी पदों पर अपनी अलग छाप छोड़ी है। खेतिहर मज़दूरों और नारियल के रेशे बनाने वाले मज़दूरों की कठिनाइयों को व्यक्तिगत रूप से अनुभव करने के बाद, वी.एस. ने अपने अनुभवों को अपनी शक्ति में बदल दिया। वे शोषितों की मुक्ति के पक्षधर थे और इस कॉमरेड ने पूरे साहस के साथ खेत मज़दूरों के आंदोलन और कम्युनिस्ट आंदोलन को आगे बढ़ाया। पार्टी में विभाजन के बाद के दौर में उन्होंने संशोधनवाद और बाद में वामपंथी संकीर्णतावाद के विरुद्ध संघर्ष किया और पार्टी को सही रास्ते पर मज़बूती से टिकाए रखने में अहम भूमिका निभाई। राजनीति की सीमाओं को लांघकर, वीएस ने पर्यावरण, मानवाधिकार और महिला समानता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी काम किया। इसी प्रक्रिया में, पार्टी नेता रहते हुए भी वीएस को जनता की स्वीकृति मिली। वीएस ने सामाजिक महत्व के अन्य मुद्दों को मुख्यधारा के राजनीतिक मुद्दों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विधान सभा के सदस्य के रूप में भी कॉमरेड वी.एस. ने अद्वितीय योगदान दिया है। वे 1967 और 70 में अम्बालाप्पुझा से और 1991 में मारारिकुलम से विधान सभा के सदस्य बने। वे 2001 से 2021 तक पलक्कड़ जिले के मलमपुझा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। उन्होंने 2016 से 2021 तक केरल प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पार्टी और वाम लोकतांत्रिक मोर्चे द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करके केरल के विकास को आगे बढ़ाया। उन्होंने संकटों में भी बिना किसी हिचकिचाहट के सरकार का नेतृत्व किया। विपक्ष के नेता के रूप में, उन्होंने सदन में कई लोकप्रिय मुद्दे उठाए। उन्होंने विधायी मामलों में भी अपना योगदान दिया। वी.एस. एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने केरल के राजनीतिक इतिहास पर एक अनूठी छाप छोड़ी है। कॉमरेड वी.एस. के निधन से पार्टी और देश को अपूरणीय क्षति हुई है।

 पिनरायी विजयन, अनुवाद : संजय पराते कॉमरेड वी.एस. अच्युतानंदन का जीवन, जिनका सोमवार (21 जुलाई, 2025) को 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया, सामान्यतः केरल के इतिहास और विशेष रूप से, यहाँ के क्रांतिकारी आंदोलन का एक उल्लेखनीय अध्याय है। कामरेड वी.एस. अच्युतानंदन संघर्षों की एक शानदार परंपरा, असाधारण दृढ़ संकल्प और अडिग … Read more

भारत में बुजुर्गों का तिरस्कार कब खत्म होगा? – राम शर्मिंदा है,अयोध्या में संभावित परिजनों द्वारा माँ को सड़क पर फेक भाग निकले- मां दम तोड़ गई 

रामनगरी अयोध्या में शर्मसार हुई मानवता-80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को संभवतः परिवार वाले लावारिस फेंककर भागे- सीसीटीवी में कैद, जोरदार छानबीन शुरू   अयोध्या में परिवार द्वारा सड़क पर फेंकी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत- सीसीटीवी वीडियो देखकर देश का दिल पसीज़ा- मैं भी रो पड़ा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र   गोंदिया – … Read more

आम आदमी क्लीनिक पर लोगों को मिलेगी रेबीज वैक्सीन की सुविधा, पंजाब सेहत विभाग फ्री इंजेक्शन मुहैया करवाएगा

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लुधियाना 27 जुलाई। पंजाब के आम आदमी क्लिनिक में अब कुत्ते, बिल्ली या अन्य जानवर के काटने पर इलाज की सुविधा मिलेगी। सरकार ने आम आदमी क्लिनिक पर भी एंटी रेबीज वैक्सीन मुहैया करवाने का फैसला लिया है। कुछ जिलों में यह वैक्सीन पहुंच गई है, जबकि कुछ जिलों में जल्दी ही पहुंच जाएगी। सेहत … Read more

गोल्डन टेंपल पहुंचे बॉलीवुड एक्टर अहान शेट्टी, बोले- अमृतसर के लोगों का प्यार अद्भुत

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अमृतसर 27 जुलाई। बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी आज गोल्डन टेंपल माथा टेकने पहुंचे। अहान बॉर्डर 2 फिल्म की शूटिंग के लिए अमृतसर आए थे और आज शूटिंग खत्म होने पर उन्होंने गुरुद्वारा में माथा टेका। गुरु घर में नतमस्तक होने के बाद मीडिया से बात करते हुए अहान शेट्टी ने कहा … Read more

पंजाब की छात्रा को राजस्थान में पेपर देने से रोका, कड़ा-कृपाण उतारने को कहा, एसजीपीसी बोली-सिखों का अपमान

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अमृतसर 27 जुलाई। तरनतारन जिले से राजस्थान में जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा (पीसीएस-जे) में शामिल होने पहुंची एक सिख छात्रा को उसके धार्मिक प्रतीकों (ककार) की वजह से परीक्षा केंद्र में जाने से रोक दिया गया। छात्रा का आरोप है कि सिक्योरिटी स्टाफ ने उससे ककार उतारने के लिए कहा, … Read more

परीक्षा शुरू होते ही निरीक्षण के लिए परीक्षा केंद्र पहुंचे आयोग के अध्यक्ष हिम्मत सिंह

 शटल बस सेवाओं का भी किया निरीक्षण चंडीगढ़ ,27 जुलाई- सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के दूसरे दिन हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने आज प्रातःपरीक्षा शुरू होते ही गौड़ ब्राह्मण सेंट्रल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पहुंच कर परीक्षा केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। परीक्षा केंद्र के निरीक्षण के दौरान रोहतक के उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह … Read more

सीईटी को हरियाणा ने बनाया पर्व- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

पंचकूला स्थित पंचकमल में मुख्यमंत्री ने सुना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम   चंडीगढ़, 27 जुलाई  – मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी ने कहा है कि सीईटी को संपन करवाने के लिए हरियाणा के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने टीम  के रूप में कार्य किया है। इसलिए यह आयोजन पर्व का रूप बन … Read more

पंजाब में थर्ड जेंडर को घर बुलाकर किया दुराचार, चोरी का आरोप लगाकर पीटा, पुल से फेंकने की कोशिश

पंजाब 27 जुलाई। अबोहर में एक थर्ड जेंडर के साथ तीन युवकों द्वारा दुराचार करने और फिर उस पर चोरी का आरोप लगाकर बुरी तरह मारपीट करने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने बाद में किन्नर को पुल से फेंकने की कोशिश की, लेकिन शोर सुनकर राहगीरों ने उसे बचा लिया। पीड़ित को सिविल … Read more

एटलस साईकिल की और फंसे लुधियाना साईकिल इंडस्ट्री का करोड़ो रु

वर्ल्ड एमएसएमई फोरम ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की सीमा घटाकर ₹1 लाख करने की मांग लुधियाना 25 जुलाई : वर्ल्ड एमएसएमई फोरम के प्रवक्ता बदीश जिंदल ने केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में आवेदन … Read more

बरनाला के 11 नामवर होटलों पर पुलिस का बड़ा एक्शन

शहर के 11 नामवर होटलों की की गई बारीकी से जांच। बलविंदर आज़ाद बरनाला, 25 जुलाई :– डिप्टी कमिश्नर बरनाला टी. बेनिथ और सीनियर पुलिस कप्तान महम्मद सरफराज के दिशा-निर्देशों में बरनाला पुलिस ने विभिन्न विभागों के 10 अधिकारियों की टीम का गठन करके उप पुलिस कप्तान सतवीर सिंह की अगुवाई में शहर के विभिन्न … Read more