गुरदासपुर 5 मई। शनिवार को श्रीनगर के अनंतनाग में आतंकी गतिविधियां होने की इनपुट के बाद सेना के जवानों द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों की गाड़ी अचानक खाई में जा गिर गई। इस दौरान वाहन में सवार आठ जवान जख्मी हो गए। इन जवानों में शामिल गुरदासपुर के गांव सरावां निवासी लखविंदर सिंह के बेटे गुरप्रीत सिंह शहीद हो गए। रविवार को उनके गांव सरावां में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। लांस नायक गुरप्रीत सिंह 19 आरआर अनंतनाग में तैनात थे। तिब्बती छावनी से आए सेना की चौथी सिख इकाई के जवानों ने अपने हथियार उलटे करके और हवा में गोलियां चलाकर बिगुल की शानदार ध्वनि के साथ शहीद को सलामी दी।
मां और पत्नी ने अंतिम विदाई में दिया कंधा
संस्कार के दौरान माहौल बेहद गमगीन हो गया जब शहीद बेटे के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख पत्थर बन चुकी मां लखबीर कौर और पत्नी गुरबिंदर कौर ने करुण सिसकियों के साथ गुरप्रीत की अर्थी को कंधा देकर अंतिम विदाई दी। मां और पत्नी ने नम आंखों से बताया कि शनिवार दोपहर को गुरप्रीत ने वीडियो कॉल कर परिवार का हाल जाना था और दोनों बेटों को खूब पढ़ाई करने को कहा था, फिर उसने ऑपरेशन की बात बताते हुए परिवार को अपनी कार और हथियार दिखाए। पत्नी गुरबिंदर ने कहा कि उसे क्या पता था कि यह उसके पति की आखिरी कॉल होगी, उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई, अब किसके सहारे जिंदगी काटूंगी।
पिता की शहादत देख बेटे बोला मैं भी सैनिक बनूंगा
शहीद लांस नायक गुरप्रीत सिंह के चार साल के बेटे गुरबाज सिंह ने अपने शहीद पिता को सलाम करते हुए कहा कि वह भी अपने पिता की तरह एक बहादुर सैनिक बनेंगे क्योंकि उनके पिता अक्सर उन्हें सेना में अधिकारी बनने के लिए प्रेरित करते थे। अत: वह अपने बलिदानी पिता का सपना अवश्य पूरा करेगा। पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के चेयरमैन रमन बहल ने कहा कि दुख की इस घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है और वह सरकार से मांग करते हैं कि इस वीर सैनिक की याद में गांव में एक स्मारक बनाया जाए।