हरियाना/यूटर्न/6 दिसंंबर: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ड्यूटी पर तैनात सेना के जवान की अपने ही साथी सैनिक की ओर से हत्या किए जाने के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि जवान के परिवार को साधारण फैमिली पेंशन की जगह स्पेशल पेंशन दिया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे इसलिए किया जाए क्योंकि जवान की मौता का सेना के साथ आकस्मिक संबंध है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। इस संबंध में गुरुग्राम की निवासी ओमवती देवी ने आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के सामने याचिका दायर की थी। इसपर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि सैनिक की हत्या उसके साथी की ओर से की जाती है, तब भी फैमिली को स्पेशल पेंशन दिया जाएगा।
कैसे हुई थी सैनिक की मौत?
याचिकाकर्ता के पति हवलदार रामवीर 16 अगस्त 1983 को सेना में भर्ती हुए थे, जिनकी हत्या उनके ही साथी सिग्नलमैन पीके डे ने कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीके डे ने उनकी हत्या खुद को अप्राकृतिक संबंध के सिलसिले में खुद को बचाने के लिए की थी। रामवीर की मौत के बाद उसके परिवार को साधारण फैमिली पेशन ग्रांट किया गया था। हालांकि, उनकी पत्नी ने स्पेशल फैमिली पेशन की मांग की थी। इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि उनके पति की मौत का संबंध आकस्मिक है। इसके लिए न ही किसी ने उन्हें उकसाया था और न ही कोई उग्र स्थिति पैदा हुई थी। हाई कोर्ट ने सुनावाई के दौरान पाया कि चूंकि सैनिक की हत्या तब की गई थी, जब वह बखतरबंद ब्रिगेड सिग्नल कंपनी में ड्यूटी पर था, इसलिए उसकी मृत्यु का उसकी सैन्य सेवा प्रदान करने के साथ एक आकस्मिक संबंध माना जाना चाहिए।
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ड्यूटी पर तैनात सेना के जवान की साथी ने ही कर दी थी हत्या, अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश
Kulwant Singh
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