एमएसएमई मंत्रालय यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी और व्यापार मेला लगा रहा है
लुधियान 11 सितंबर। एमएसएमई विकास और सुविधा कार्यालय लुधियाना और एमएसएमई मंत्रालय पंजाब के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए अहम आयोजन करेगा। इनके लिए 12 से 14 सितंबर तक लुधियाना के पंजाब ट्रेड सेंटर में ती दिवसीय प्रदर्शनी और व्यापार मेला लगाएगा।
जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शनी में लगभग 60-70 कारीगरों के स्टॉल शामिल होंगे। जो अपने हाथों से औजारों का उपयोग कर काम करते हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्घाटन 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों को व्यापक सहायता प्रदान करने, उनके कौशल विकास, वित्तीय स्थिरता और बाजार पहुंच को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
इसमें 18 पारंपरिक व्यापार शामिल हैं। विशेष रूप से बढ़ई (सुथार/बधाई), नाव निर्माता, कवच बनाने वाला, लोहार (लोहार), हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार (कुम्हार), मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाले, मोची, राजमिस्त्री (राजमिस्त्री), टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला निर्माता (मालाकार), धोबी (धोबी), दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले इनमें शामिल हैं।इस योजना के तहत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड जारी करके विश्वकर्मा के रूप में मान्यता प्रदान की जाती है। छह दिनों का बुनियादी कौशल प्रशिक्षण और 15 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण, 500 रुपये प्रति दिन का प्रशिक्षण वजीफा और 1000 रुपये का परिवहन भत्ते का प्रावधान है। टूलकिट के लिए ई-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपये तक का संपार्श्विक-मुक्त उद्यम विकास ऋण देते हैं। प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन और विपणन सहायता के लिए प्रति लेनदेन 1 रुपये के डिजिटल लेनदेन के लिए 5% प्रोत्साहन के ब्याज पर 3 लाख रुपये का प्रावधान भी है।ऐसे प्रदर्शनी-व्यापार मेले उत्पाद के विपणन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ग्राहकों को अपने अद्वितीय उत्पादों को प्रदर्शित करने और उनके ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार करते हैं। प्रदर्शनी में लगभग 15000 से अधिक प्रतिभागियों के आने की उम्मीद है। प्रदर्शनी के दौरान उन कारीगरों का पंजीकरण भी किया जाएगा, जिनका अभी तक योजना के तहत नामांकन नहीं हुआ है। साथ ही उन्हें GeM पोर्टल और UAP पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा।
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