राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसे चुनावी नतीजे
अमृतसर 22 दिसंबर। गुरुनगरी के सियासी-इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पार्टी सूबे की सत्ता में होने के बावजूद नगर निगम चुनाव हार गई। सियासी जानकारों का यही कयास था कि आम आदमी पार्टी बहुमत हासिल कर अपना मेयर चुनेगी।
सूत्रों पर भरोसा करें तो आप की जीत के डर से कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस बार नामांकन दाखिल नहीं किया था। नतीजतन तमाम नए चेहरों को मौका मिला और 85 वार्डों में से करीब 60 ऐसे चेहरे हैं, जो पहली बार नगर निगम सदन में कदम रखेंगे। इन चुनावों के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस को 85 में से 40 सीटें मिली हैं, जबकि मेयर पद के लिए उसे 43 सीटों की जरूरत है। हालांकि कांग्रेस से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पार्षदों को अपने पाले में करके कांग्रेस मेयर बना सकती है।
वहीं आम आदमी पार्टी ने इस साल 24 सीटें जीती हैं और वह विपक्ष के तौर पर काम करेगी। इसके अलावा भाजपा 9, अकाली दल 4 और आजाद 8 सीटें जीतने में सफल रहे हैं। अमृतसर में निगम चुनाव में आप की हार का सबसे बड़ा कारण चुनाव में देरी रहा है। निगम चुनाव का समय दो साल हो गया था, जिसके कारण लोगों को अपने काम करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग इसे सरकार की बदइंतजामी मान रहे हैं।
वहीं दूसरा सबसे बड़ा कारण कानून व्यवस्था की स्थिति है। अमृतसर में ही एक महीने में करीब 4 धमाके हो चुके हैं और एक बम मिला है। अमृतसर शहर के अंदर भी दो धमाके हो चुके हैं। ऐसे में लोगों का भरोसा आप से उठता जा रहा है। तीसरा सबसे बड़ा कारण विधायकों का काम न करना है। अमृतसर शहर में एक भी मंत्री नहीं है। जो विधायक हैं, वे भी सरकार से अपने काम नहीं करवा पा रहे हैं। जिसके कारण लोग आप से दूर होते जा रहे हैं।
इसके अलावा टिकट बंटवारे में खींचतान चौथा सबसे बड़ा कारण रहा, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। दरअसल, पूर्व मेयर करमजीत सिंह रिंटू 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आप में चले गए थे और उन्होंने कई पार्षदों को भी अपने साथ ले लिया था। ऐसे में चुनाव से पहले आप कार्यकर्ताओं और अन्य दलों के पूर्व पार्षदों के बीच खींचतान हुई और सत्तारूढ़ पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।
यहां काबिलेजिक्र है कि निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा अमृतसर आए और शहरवासियों को 5 गारंटी दी। हालांकि लोगों ने उनके वादों को नकार दिया। वहीं सीएम भगवंत मान अपने प्रत्याशियों के पक्ष में अमृतसर पहुंचे और रोड शो भी किया, लेकिन अमृतसर में उनका जादू नहीं चला। फिलहाल इस सबके बावजूद अमृतसर में मेयर पद के लिए आप जोड़तोड़ में लगी है।
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