एनएसए के तहत बंद अमृतपाल ने आजाद उम्मीदवार
बनने का क्यों किया है फैसला, सियासी चर्चाएं हैं जारी
लुधियाना 25 अप्रैल। लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में खुलतौर पर खालिस्तान समर्थकों की भी सियासी-एंट्री होने के पूरे आसार हैं। दरअसल खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
अमृतपाल के वकील राजदेव सिंह खालसा ने कल ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में उससे मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद खालसा ने अमृतपाल के चुनाव लड़ने की तस्दीक की। गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत अमृतपाल डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसको मोगा से गिरफ्तार किया गया था। वह एक साल से जेल में है। अमृतपाल पर अमृतसर के अजनाला में पुलिस थाने पर हमले और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में केस दर्ज है।
मान और अमृतसर से क्यों किया परहेज
एडवोकेट खालसा ने बयान जारी कहा कि मैंने अमृतपाल पंथ के हित में खडूर साहिब से चुनाव लड़ने को कहा। जिस पर अमृतपाल ने पंथक हित में इसे स्वीकार कर लिया। हालांकि खालसा ने यह साफ नहीं किया कि अमृतपाल ने हमख्याल पार्टी शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर के मंच से चुनाव लड़ने का फैसला क्यों नहीं किया। साथ ही अमृतसर में जन्मे अमृतपाल ने गुरु-नगरी से ही क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहा। जबकि अमृतसर तो दुनिया के नक्शे पर खास पहचान रखता है। साथ ही सियासी-नजरिए से चुनावों के दौरान लंबे वक्त से अमृतसर सीट पर सबकी निगाह रहती है।
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