मुद्दे की बात : आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिका की दोहरी-नीति

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खुद आतंकवाद झेल चुका अमेरिका ने अब भारत को दिया झटका

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसा आतंकी हमला झेल चुका अमेरिका आतंकवाद के मुद्दे पर ही दोहरी-नीति अपना रहा है। भारत को अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की बैंक डिटेल और फोन नंबर की जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह खुलासा उनके सूत्रों ने किया है। जिसके अनुसार भारत की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए ने अमेरिकी पुलिस से ये जानकारी मांगी थी, लेकिन कानून का हवाला देते हुए उसने मना कर दिया गया। दरअसल, यह मामला 14 अगस्त-2020 को पंजाब के मोगा में जिला प्रशासन परिसर के ऊपर कथित तौर पर खालिस्तानी झंडा फहराने से जुड़ा है। स्वंतत्रता दिवस की पूर्व संध्या के मौके पर दो लोगों ने सिक्योरिटी को तोड़कर डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस के ऊपर खालिस्तानी झंडा फहरा दिया था। इस दौरान तिरंगे का भी अपमान किया गया। यह सब सीसीटीवी में कैद हो गया था। इस मामले में एनआईए को शक है कि यह पन्नू के इशारे पर किया गया था।

गौरतलब है कि इसके बाद सितंबर, 2020 में एनआईए ने पन्नू पर कई धाराओं में केस दर्ज कराया था। इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया। इस दौरान आतंकी पन्नू लगातार देश को तोड़ने की धमकियां दे रहा था। पन्नू ने बीते महीने पहले एयर इंडिया में सफर ना करने की बात कही थी। वहीं अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट को ब्लॉक करने के लिए भी पंजाब के युवाओं को उकसाने का प्रयास किया था। पन्नू ने तब कहा था कि नवंबर में 1984 में हुए सिख दंगों की 40वीं बरसी है। 1984 में 13 हजार से अधिक सिख, महिलाओं और बच्चों को मार दिया गया। आज भी दिल्ली में विधवा कॉलोनी है। ये पूरी घटना भारतीय हुकूमत द्वारा की गई थी। लिहाजा एअर इंडिया का बायकॉट करें। पन्नू ने पायलट्स को धमकाया था कि बोर्ड पर संदिग्ध बम हो सकता है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को सिख फॉर जस्टिस को उसकी गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत एक गैर-कानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया था। जुलाई, 2020 को पन्नू को भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया था। एनआईए ने सितंबर, 2019 में पन्नू के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया था। फिर नवंबर 2022 को उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। इसके बाद 2023 में एनआईए ने अमृतसर और चंडीगढ़ में पन्नू के घर और जमीन को जब्त कर लियाथा। जबकि फरवरी, 2021 में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा पन्नू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे।

अब गौर करिए कि आतंकी पन्नू से भारत को क्यों खतरा है। दरअसल पन्नू पंजाब में अमृतसर के गांव खानकोट का मूल निवासी है। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से लॉ करने के बाद वह विदेश गया और फिलहाल अमेरिका में वकालत करता है। उसके पास कनाडा की नागरिकता भी है। वह सिख्स फॉर जस्टिस संस्था के जरिए खालिस्तान के समर्थन में अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में एसजेएफ के जरिए आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। उसका मुख्य लक्ष्य खालिस्तान के नाम पर भारत में अशांति फैलाना है। इस लिहाजा से भारत के लिए चुनौती बन चुका आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिका का रवैया चिंताजनक है। वह भी ऐसे हालात में, जब केंद्र की मोदी सरकार अब अमेरिका में ट्रंप सरकार से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी है।

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