अमेरिका ने 116 और भारतीयों को जबरन लौटाया, पुरुषों को हथकड़ी-बेड़ियां लगाईं, तीसरा बैच भी आएगा जल्द

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पंजाब 16 फरवरी। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे 116 और भारतीयों को जबरन भारत भेज दिया गया। अमेरिकी एयरफोर्स का विमान ग्लोबमास्टर शनिवार देर रात साढ़े 11 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इस बार महिलाओं-बच्चों को छोड़कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया था। एयरपोर्ट पर ही उनके परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इस दौरान किसी को भी मीडिया से बातचीत नहीं करने दी गई। इससे पहले 5 फरवरी को 104 अप्रवासी भारतीयों को जबरन लौटाया जा चुका है। इनमें बच्चों को छोड़कर महिलाओं-पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया था। इस तरह अब तक 220 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है। तीसरा बैच भी जल्द भेजा जाएगा। इसमें 157 अप्रवासी भारतीय होंगे।

चचेरे भाई मर्डर केस में डिटेन

इस विमान में डिपोर्ट हुए होशियारपुर के दलजीत सिंह ने हथकड़ियां-बेड़ियां लगाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा- हमारे हाथ बंधे थे और पैरों में जंजीरें डाली गईं थी। वह डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था। वहीं डिपोर्ट होकर आए चचेरे भाई राजपुरा के संदीप और प्रदीप को पटियाला पुलिस ने डिटेन किया है। उनसे जून 2023 में दर्ज कत्ल केस के मामले में पूछताछ की जा रही है। जिसमें वह वांटेड थे। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश करके तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।

पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के 8 लोग

शनिवार को जबरन वापस भेजे गए लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं। पिछले बैच को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सवाल किए थे कि जब सबसे ज्यादा 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात के थे तो विमान को अहमदाबाद या अंबाला की जगह पंजाब क्यों उतारा गया? हालांकि इस बैच में सबसे ज्यादा पंजाबियों को लौटाया गया।

पंजाब के मंत्री डिपोर्ट नौजवानों से मिले

मुख्यमंत्री भगवंत मान रिसीव करने के लिए पहले अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन विमान के आने में देरी की वजह से वे लौट गए। इसके बाद मंत्री कुलदीप धालीवाल और हरभजन सिंह ईटीओ ने पंजाब के युवकों को रिसीव किया। इस दौरान मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि उन्हें बड़ा दुख हुआ कि हरियाणा सरकार ने अमेरिका से डिपोर्ट किए अपने लोगों के लिए कैदियों वाली बस भेजी। उन्होंने हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज से कहा कि पंजाब ने अच्छी गाड़ियां लगाई हैं। विज ट्रांसपोर्ट मंत्री हैं, उन्हें कोई अच्छी बस भेजनी चाहिए थी। हरियाणा से कोई मंत्री, MLA या भाजपा नेता तक यहां नहीं आया।

40 लाख लगा भेजा, एजेंटों ने हम पर ही पर्चा कराया

राजपुरा के मलकीत सिंह ने बताया कि बेटा गुरदत्त भी अमेरिका से डिपोर्ट हुआ है। जब लिस्ट में नाम आया तो इसका पता लगा। एजेंटों ने हमारे खिलाफ ही राजपुरा थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई। उनका आरोप था कि हम उनके पैसे नहीं दे रहे। एजेंट के 18 लाख रह गए थे। मलकीत के मुताबिक 40 लाख दिए हैं। मैं अब मांग करता हूं कि पैसे वापस दिए जाएं। बेटा आ गया गया। 3 महीने हमारे बेटे को अरेस्ट करके रखा गया।

दो ट्रक और प्रॉपर्टी बेचकर पोते को अमेरिका भेजा

जंडियाला गुरु अमृतसर निवासी मंगल सिंह ने बताया कि पोता जसनूर 9 जून 2024 को डंकी रूट से अमेरिका गया था। 29 और 30 जनवरी की रात को बॉर्डर क्रॉस किया। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हुआ। आज मीडिया से पता चला कि जसनूर डिपोर्ट होकर आ रहा है। उसे 2 बड़े कॉमर्शियल ट्रक बेचकर 54 लाख रुपए दिए थे। फिर साढ़े 11 लाख रुपए कर्ज पर लेकर एजेंट को दिए।

एजेंट ने नकली आईडी बना भेजा

गुरदासपुर के गांव खानोवाल के दो चचेरे भाई हरजोत सिंह और हरजीत सिंह है। दोनों भाइयों ने अपना घर और दो एकड़ जमीन बेचकर, प्रति व्यक्ति 45 लाख रुपए खर्च किए और अवैध तरीके से (डंकी लगाकर) अमेरिका पहुंचे। उसने बताया कि उन्हें कोलंबिया से अमेरिका नेपाल की नकली आईडी बना कर पनामा जंगलों से भेजा जा रहा था। हरजोत सिंह की उम्र 21 वर्ष थी, लेकिन एजेंट ने उसकी आईडी में उसकी उम्र 35 साल कर दी थी। उन्होंने इसका विरोध भी किया था, लेकिन एजेंट नहीं माना।

Leave a Comment