18 सितम्बर – अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 25% पेनल्टी टैरिफ खत्म हो सकता है और 25% जवाबी टैरिफ में भी कटौती हो सकती है। ये बात देश के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा है। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए नागेश्वरन ने कहा, मुझे लगता है कि 30 नवंबर के बाद ये टैरिफ नहीं रहेंगे। ये कोई पक्की जानकारी या सबूत पर आधारित बयान नहीं है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए मुझे उम्मीद है कि अगले दो महीनों में टैरिफ और जवाबी टैरिफ पर कोई हल निकल आएगा। CEA नागेश्वरन ने संकेत दिया कि अभी 25% का जवाबी टैक्स 10-15% के दायरे में आ सकता है। उन्होंने कहा कि पूरी टैरिफ की समस्या अगले 8-10 हफ्तों में सुलझ सकती है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत के संबंध फिर से ट्रैक पर आ रहे हैं।
मंगलवार को भारत के चीफ ट्रेड नेगोशिएटर और ट्रेड मिनिस्ट्री के स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल की मुलाकात अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच से हुई है। ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार ट्रेड डील पर बातचीत के लिए 16 सितंबर को अमेरिकी दल भारत पहुंचा था। दरअसल, अमेरिका ने भारत पर ज्यादा टैरिफ वसूलने की वजह से 25% जवाबी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के चलते पेनल्टी के रूप में 25% का टैरिफ लगाया है, जिसके चलते भारत का करीब 85 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इससे दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी, हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया कुछ बयानों के बाद इसमें नरमी आई है। भारत-अमेरिका ट्रेड डील नेगोशिएशन और टैरिफ टेंशन के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 सितंबर को कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच चल रही बातचीत जल्द किसी बेहतर नतीजे पर पहुंचेगी। ट्रम्प ने कहा कि वे सभी तरह के ट्रेड बैरियर खत्म करने के लिए आने वाले हफ्तों में प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे।
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच ट्रेड बैरियर को दूर करने के लिए बातचीत जारी है। आने वाले हफ्तों में मैं अपने बहुत अच्छे दोस्त, PM मोदी से बात के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए एक सफल नतीजे पर पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।’ ट्रम्प के इस पोस्ट के करीब 5 घंटे बाद PM मोदी ने भी एक X पोस्ट में लिखा, ‘भारत और अमेरिका अच्छे दोस्त और नेचुरल पार्टनर हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारी ट्रेड नेगोशिएशन भारत-अमेरिका पार्टनरशिप के असीमित संभावनाओं को खोलने का रास्ता बना देगी।
हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से बात करने का भी इंतजार कर रहा हूं। हम साथ मिलकर दोनों देशों के लोगों के लिए एक बेहतर और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेंगे।’ इससे पहले शुक्रवार, 5 सितंबर को SCO समिट में पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी प्रेसिडेंट जिनपिंग को एक साथ देखकर कहा था कि रूस और भारत अब चीन के पाले में जा चुके हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा था- ‘ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।’ हाल ही में, ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में नागेश्वरन ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि ये अतिरिक्त टैरिफ ज्यादा दिन नहीं चलेगा। इस फाइनेंशियल ईयर में ये टैरिफ जितने समय तक रहेगा, उसका GDP पर 0.5% से 0.6% तक असर हो सकता है। लेकिन अगर ये टैरिफ अगले साल तक खिंचता है, तो असर और बड़ा होगा, जिससे भारत के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
