इंडस्ट्रियल इलाकों में घूम रहे कथित पुलिस मुलाजिम, चालान की एवज में देनी होगी रिश्वत या शराब की पेटी

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लुधियाना में अब पुलिस-निगम मुलाजिम हटाएंगे गलियों में खड़ी गाड़ियां

लुधियाना पुलिस का कहना निगम के पुलिस मुलाजिम, निगम ने कहा हमारे तो है ही नहीं

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 3 अगस्त। अब अगर कोई व्यक्ति गली में गाड़ी खड़ी करेगा तो पुलिस उस पर तुरंत कार्रवाई करेगी। यहां तक कि अगर शिकायत न भी आए तो भी पुलिस मुलाजिम तुरंत गलियों में पहुंचकर गाड़ियां हटवाएंगे। यह हम नहीं कह रहे बल्कि पुलिस की वर्दी पहने इंडस्ट्रियल इलाकों में घूम रहे कथित मुलाजिमों की और से खुद लोगों को कहा जा रहा है। दरअसल, इंडस्ट्रियल इलाकों में पंजाब पुलिस के एएसआई व कांस्टेबल की वर्दी पहने कथित मुलाजिम अपने 3 सिविल वर्दी में मौजूद मुलाजिमों के साथ घूमते हैं। जिनकी और से गलियों में खड़ी गाड़ियों के मालिकों को घरों व फैक्ट्रियों से बाहर बुलाया जाता है। जिसके बाद उन्हें थाने जाने तो कभी चालान करने की धमकी देकर शराब की पेटी या रिश्वत मांगी जाती है। उनकी और से खुद को कभी पंजाब पुलिस के मुलाजिम तो कभी नगर निगम की पुलिस बताया जाता है। बकायदा कहा जाता है कि उनकी ड्युटी गलियों में खड़ी गाड़ियां साइड़ कराने पर लगी है। लेकिन वह पुलिस की वर्दी पहने लोग किस विभाग के है, यह किसी को नहीं पता है। हालाकि उनके पास एक चालान बुक भी है। यूटर्न टाइम अखबार के पास इस संबंधी शिकायत पहुंची है। उक्त लोग गिल रोड व उसके साथ लगते इलाकों में घूमते हैं। जहां उनकी और से कुछ लोगों को डराया धमकाया गया है। हालाकि इस संबंधी पुलिस को भी शिकायत पहुंची है।

सफेद स्विफ्ट कार में घूमते हैं कथित मुलाजिम
जानकारी के अनुसार हाल ही में उक्त लोगों को प्रताप चौक के पास देखा गया है। वह एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार नंबर पीबी35-0030 पर घूमते हैं। जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति ने पंजाब पुलिस के एएसआई व एक व्यक्ति कांस्टेबल की वर्दी पहन रखी है, जबकि बाकी के तीन लोग सिविल वर्दी में होते हैं। सुबह से शाम तक वह एक ही इलाके में घूमते हैं। वहीं बता दें कि लुधियाना पुलिस गलियों से गाड़ियां नहीं उठवाती और निगम की पुलिस ऐसे कार्रवाई करने नहीं जाती।

अलग अलग तरह की देते हैं ऑफर
चर्चा है कि उक्त कथित पुलिस मुलाजिम ज्यादतार गिल रोड व उसके आसपास लगते इंडस्ट्रियल इलाकों में घूमते हैं। जिनकी और से व्यापारियों व लोगों को चालान करने की धमकी देकर पैसे ऐंठ लिए जा रहे हैं। जबकि यह भी चर्चा है कि वह सुबह से लेकर रात तक गाड़ी में घूमते हैं। यही नहीं अगर किसी के पास पैसे कम है या लगे कि वह पैसे नहीं देगा तो उसे शराब की पेटी लाने का भी ऑफर दिया जाता है। इसी के साथ अगर कोई गाड़ी का मालिक मौके पर न मिले तो वर्करों को दोबारा आने का समय दिया जाता है। वह एक जगह रुकते नहीं और फिर कुछ समय बाद दोबारा आकर अपना हिस्सा लिया जाता है।

खुद को बताते हैं लुधियाना पुलिस तो कभी निगम पुलिस कर्मी
तीन दिन पहले उक्त कथित मुलाजिमों द्वारा दो लोगों को अपना शिकार बनाया गया है। यहां तक कि सड़क पर जाते ट्रक चालक को रोककर भी पैसे लिए। उनकी और से प्रताप चौक के पास एक फैक्ट्री बाहर सड़क की साइड़ पर खड़ी गाड़ी के मालिक को बुलाया गया। मालिक न होने पर वर्कर बुलाए। कुछ समय बाद मालिक पहुंचे तो कहा कि आपकी गाड़ी गली में खड़ी है, इस लिए थाने लेकर जा रहे हैं। बातचीत होने के बाद एएसआई की वर्दी पहने कथित मुलाजिम ने कहा कि वह सुखदेव सिंह गिल है और गाड़ी का चालान किया जाएगा। फिर आखिर में चालान न करने की एवज में पैसे मांगे। जब पैसों पर बात न बनी तो कहा कि वह कुछ समय बाद वापिस आ रहे हैं, तब तक शराब की पेटी मंगवा लो। फिर कुछ समय बाद आए, लेकिन मालिक न मिलने पर फिर वापिस चले गए।

थाना डिवीजन नंबर 6 व निगम ने झाड़ा पल्ला
जिस फैक्ट्री मालिक को धमकाया गया, वह एरिया थाना डिवीजन नंबर छह के अधिन आता है। इस संबंधी जब डिवीजन नंबर छह में संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि वह मुलाजिम उनके थाने के नहीं है। वहीं पास लगते थाना शिमलापुरी ने भी इस बात से इंकार किया। जिसके बाद पीसीआर दस्ते ने उक्त मुलाजिम नगर निगम के होने की बात कही। जब निगम की पुलिस फोर्स से बात की तो उन्होंने ऐसा कोई मुलाजिम न होने की बात कही।

अधिकारियों से कार्रवाई कराने की देते है धमकी
वहीं यह भी बात सामने आई है कि समझौता न करने पर उक्त मुलाजिमों  द्वारा किसी न किसी मामले में फंसाकर अधिकारियों से कार्रवाई कराने की भी धमकी दी जाती है। झूठे मामलों में फंसाकर कारोबार को नुकसान पहुंचाने के डर से लोगों को उनकी बात माननी पड़ती है। हैरानी की बात तो यह है कि पंजाब को सबसे ज्यादा टैक्स अदा करने वाली इंडस्ट्री को ही अगर सरकारी मुलाजिम ऐसे धमकाएंगे, तो कारोबार कैसे चलेगें।

वेरीफाई करवाया गया, लेकिन मुलाजिम हमारे नहीं
इस संबंधी एसीपी इंडस्ट्रियल एरिया-बी बृज मोहन अनुसार उक्त मुलाजिमों संबंधी वेरीफाई कराया गया। लेकिन मुलाजिम उनके अधीन आते थानों के नहीं है। सिविल वर्दी व प्राइवेट गाड़ी में थानों की पुलिस तैनात नहीं की है। इस संबंधी जांच की जा रही है। पीड़ित इसकी शिकायत दें, इन्वेस्टिगेशन कर बनती कार्रवाई की जाएगी।

निगम मुलाजिम जांच करने नहीं जाते
वहीं नगर निगम के एसीपी राज कुमार चौधरी से बातचीत की गई थो उन्होंने कहा कि यह नगर निगम के पुलिस मुलाजिम नहीं है। निगम पुलिस कर्मी जांच करने नहीं जाते हैं। इस स्विफ्ट कार संबंधी पता लगाया गया है। निगम के किसी भी पुलिस मुलाजिम की इस नंबर की कार नहीं है।

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