नगर निगम से रिकॉर्ड गायब करने और वेस्ट तहसील में अवैध रजिस्ट्री होने के आरोप
लुधियाना 6 मार्च। शहर का नक्शा खराब करने के मामले में लोगों द्वारा इसका पूरा श्रेय नगर निगम लुधियाना को दिया जाता है। ऐसा इस लिए, क्योंकि लोगों द्वारा आए दिन निगम अफसरों पर मनमर्जी से कही भी किसी भी जमीन को मंजूरी देने के आरोप लगाए जाते हैं। इसी तरह का एक मामला शहर के पॉश एरिया कहे जाते रघुनाथ एन्क्लेव का सामने आया है। जहां पर एक इलाका निवासी अशोक कुमार द्वारा निगम अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल और मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर को दी है। अशोक कुमार का आरोप है कि रघुनाथ एन्क्लेव एरिया डवेलप एरिया है और वहां सभी घर 500 गज में बने हैं। लेकिन इसके बावजूद एक प्रॉपर्टी डीलर कारोबारी की और से उनके पड़ोस में ही अवैध तरीके से 150-150 गज के हिसाब से एक ही जमीन के तीन हिस्से करके उसकी रजिस्ट्री करवा ली। फिर निगम अफसरों के साथ मिलकर उसका नक्शा तक पास करवा लिया गया। अब वहां फ्लैट बनाने की परमिशन भी दे डाली। अशोक कुमार का आरोप है कि नियमों के मुताबिक न तो एरिया में 150 गज का घर बन सकता है और न ही नक्शा पास हो सकता है। लेकिन एमटीपी और एटीपी मोहन सिंह की शह पर यह अवैध निर्माण कराया जा रहा है।
साल 1981 में डवेलप हो चुका एरिया
अशोक कुमार ने बताया कि साल 1981 में रघुनाथ एन्क्लेव कॉलोनी की सोसायटी द्वारा इसे डवेलप करने के लिए अपील की थी। जिसमें 400 से 500 गज के प्लॉट बनाए जाने थे। इस ले आउट का कुल एरिया 31842 गज था, जिसमें 24261 गज एरिया प्लॉट, बूथ व कम्यूनिटी सेंटर और 7589 गज एरिया सड़कों व पार्कों के लिए छोड़ा गया था। इसका बकायदा रेजुलेशन तैयार किया गया। इस एरिया का 1981 में ही रेजुलेशन पास करके ले आउट प्लान तैयार करके नगर निगम द्वारा मंजूरी दे दी गई थी।
नगर निगम से रिकॉर्ड ही हुआ गायब
अशोक कुमार ने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारियों द्वारा बिल्डिंग मालिक के साथ मिलकर पूरे प्लान के साथ अवैध निर्माण कराया जा रहा है। दरअसल, उन्होंने रेजुलेशन की कॉपी तो आरटीआई के जरिए ले ली, लेकिन इसके रिकॉर्ड के लिए रखा रजिस्टर निगम से गायब हो चुका है। जबकि उक्त रजिस्टर में पूरी जानकारी है। हालांकि उसके अलावा बाकी सभी एरियों का पूरी रिकॉर्ड निगम के पास मौजूद है। लेकिन फिर उक्त एरिया का रिकॉर्ड ही निगम के पास नहीं है।
निगम कमिश्नर से की तीन बार शिकायत
इलाका निवासी अशोक का आरोप है कि यह अवैध निर्माण सितंबर-अक्टूबर 2024 में शुरु हुआ। उन्होंने इसकी शिकायत नगर निगम को की। फिर निर्माण बंद हुआ तो बाद में निगम अफसरों ने सेटिंग करके नक्शा पास कर दोबारा से निर्माण शुरु करा दिया। अशोक कुमार का आरोप है कि उन्होंने तीन बार नगर निगम कमिश्नर को शिकायत दी। लेकिन फिर भी कोई हल नहीं हो सका।
मेयर के आगे भी बात घूमाते रहे अधिकारी
इलाका निवासी अशोक का आरोप है कि उन्होंने मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर को शिकायत दी। मेयर द्वारा एटीपी मोहन सिंह को बुलाया गया। मोहन सिंह द्वारा वहां पर रघुनाथ एन्क्लेव एरिया का डवेलपमेंट स्कीम न होने की बात कहकर झूठ बोला गया। जबकि एमटीपी ने कहा कि उनके पास पावर है कि वह कही भी किसी भी चीज का नक्शा बदल सकते हैं। जबकि एडिशनल कमिश्नर ने तो उक्त अवैध निर्माण गिराने का दावा तक कर दिया। लेकिन न तो बिल्डिंग गिराई गई न एक्शन हुआ।
वेस्ट तहसील में हुई जाली रजिस्ट्री, हाउस लाइन भी जोड़ी
शिकायतकर्ता का आरोप है कि उक्त एरिया डवेलप एरिया है। वहां पर 500 गज से किसी भी घर की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। लेकिन वेस्ट तहसील में उक्त जमीन की भी जाली रजिस्ट्री की गई है। जबकि डवेलप एरिया में अवैध रजिस्ट्री करने पर सरकार ने भी रोक लगा रखी है। वहीं इसी के साथ साथ सभी घर मालिकों ने 20 फीट हाउस लाइन के लिए जमीन छोड़ी है। लेकिन उक्त प्रॉपर्टी कारोबारी द्वारा उक्त 20 फीट भी बीच में ही पास करवा ली है।
नियमों के मुताबिक नक्शा किया पास
जोन-डी के एटीपी मोहन सिंह ने बताया कि रघुनाथ एन्क्लेव में उक्त निर्माण 100 गज में हो रहा है। जमीन मालिक द्वारा जो वॉयलेशन की जा रही है, उसे तोड़ दिया गया है। नियमों के मुताबिक ही नक्शा पास किया है। निगम द्वारा किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहां हर साइज में घर बन सकता है।