बोर होने की सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो, ट्रस्टियों में मचा हड़कंप
(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 9 सितंबर। सिविल लाइन स्थित श्री दंडी स्वामी तपोवन आश्रम मंदिर की जमीन में नेचुरल रेस्त्रां के मालिक द्वारा इललीगल तरीके से समर्बिसल लगाने को बोर कराया जा रहा था। लेकिन समर्बिसल लगाने की तस्वीरें वायरल होने के बाद रेस्त्रां मालिक द्वारा तुरंत मौके पर काम रोक दिया गया और सारा सामान छिपा दिया गया। वहीं इस मामले में श्री दंडी स्वामी तपोवन आश्रम मंदिर के ट्रस्टियों पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। चर्चा है कि कुछ ट्रस्टियों के साथ सेटिंग होने के बाद ही उन्होंने नेचुरल रेस्त्रां मालिक को परमिशन दी थी। जिसके बाद रेस्त्रां मालिक ने इललीगल तरीके से यह कार्य शुरु किया था। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम को इसका पता ही नहीं चल सका। जबकि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के दो दिन बाद भी नगर निगम द्वारा एक्शन नहीं लिया जा रहा। चर्चा है कि रेस्त्रां मालिक द्वारा मंदिर कमेटी मेंबरों के साथ साथ नगर निगम अधिकारियों से भी सेटिंग की हुई है। उसके बाद ही यह अवैध कार्य किया जा रहा था।
वीडियो में वर्करों ने रेस्त्रां मालिक का लिया नाम
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में वीडियो बनाने वाले व्यक्ति द्वारा समर्सिबल लगा रहे वर्कर से पूछा गया। जिस पर वर्कर ने बताया कि यह समर्सिबल नेचुरल रेस्त्रां के मालिक सोनू का लगाया जा रहा है। हालाकि इस मामले संबंधी मंदिर के कई पुजारियों से बात की गई। वह भी बातों बातों में इस बात पर हां भरते हुए नजर आए। मान लें कि यह समर्सिबल रेस्त्रां मालिक द्वारा नहीं कराया जा रहा था, तो फिर क्या मंदिर को ऐसे अवैध कार्य करने की परमिशन कैसे मिली।
ट्रस्ट ने दे रखी है जमीन, एनजीटी के तोड़े नियम
जानकारी के अनुसार नेचुरल रेस्त्रां मंदिर की जमीन में ही चल रहा है। जबकि जिस जगह पर बोर हो रहा है वह भी रेस्त्रां को किराए पर दी गई जमीन का ही हिस्सा बताया जा रहा है। हालाकि एनजीटी के साफ तौर पर आदेश है कि इस तरह कोई भी समर्सिबल बोर नहीं कर सकता। फिर आखिर रेस्त्रां मालिक कितना बाहुबली है कि वह अपनी मर्जी से सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रहा है।
ट्रस्टी भी अपना बचाव करते दिखे
हालाकि इस मामले में मंदिर के कई ट्रस्टियों की मिलीभगत बताई जा रही है। लेकिन मामले का खुलासा होने के बाद ट्रस्टी भी अपना बचाव करते दिखे। लेकिन मंदिर परिसर में आखिर कैसे समर्सिबल बोर हुआ और किसी भी कमेटी मेंबर को इसका पता नहीं चल सका। इस मामले में ट्रस्टी संजीव ढांडा से बात की गई तो उनका कहना था कि वह मंदिर कम जाते है, जिस कारण उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।