राज्य का सर्वांगीण विकास सामाजिक समरसता से ही संभव : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

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राज्य का सर्वांगीण विकास सामाजिक समरसता से ही संभव : मुख्यमंत्री

राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित

चंडीगढ़ , 1 मई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य का सर्वांगीण विकास सामाजिक समरसता से ही संभव हो सकता है , इसमें खाप -पंचायतों की भूमिका सकारात्मक योगदान दे सकती है।

मुख्यमंत्री आज यहां अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम , 1989 के प्रावधानों के कार्यान्वयन की समीक्षा हेतु गठित “राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति” की अध्यक्षता कर रहे थे।

इस अवसर पर हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ,अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण तथा अंत्योदया (सेवा) मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी, प्रदेश में अनुसूचित जाति के सांसद एवं विधायकों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम , 1989 के तहत दर्ज किये गए मामलों में 60 दिन के अंदर कोर्ट में जांच की रिपोर्ट और चार्ज शीट  दाखिल हो जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला स्तरीय व उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठकों को समय पर आयोजित अवश्य करें।  उन्होंने अत्याचार से संबंधित मामलों को जिला स्तरीय मासिक कष्ट निवारण कमेटी की बैठक में भी शामिल करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री को यह भी अवगत करवाया गया कि अत्याचार निवारण स्कीम के तहत वर्ष 2023 -24 व 2024-25 में पिछले वर्षों सहित लंबित मामलों का स्कीमानुसार राहत राशि प्रदान करते हुए निपटान कर दिया गया है। इसके अलावा ,”मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्जातीय विवाह शगुन योजना” के तहत वित्त वर्ष 2024 -25 में पिछले वर्ष के लंबित मामलों के साथ-साथ 2350 विवाहित जोड़ों को 5871 लाख रूपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है।  इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लड़के या लड़की द्वारा गैर-अनुसूचित जाति की लड़की /लड़के  से विवाह करने पर 2.50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री को अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम , 1989 के प्रावधानों के तहत दी जाने वाली कानूनी सहायता स्कीम , पंचायत प्रोत्साहन स्कीम , प्रचार -प्रसार स्कीम तथा डिबेट एवं सेमिनार के लिए दी जाने वाली आर्थिक  सहायता राशि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सामाजिक समरसता प्रदेश के कल्याण का प्रमुख आधार है , सभी वर्गों को परस्पर सद्भाव से रहना चाहिए। अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति  के लोगों पर अत्याचार किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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