कपड़े पहन कर स्नान करने पर अखिलेश यादव ने पूछा सवाल

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जनहितैषी — 19 फरवरी, लखनउ। एक शादी समारोह में पहुंच सपा प्रमुख् अखिलेश यादव ने कहा है कि महाकुंभ के खिलाफ कोई नहीं है। वह व्यवस्था के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे है। उन्होंने कहा है कि आदमी का संतुलन बिगड़ता है तो ज़बान भी बदल जाती है, विधानसभा में मुख्यमंत्री से अपेक्षा रहती है शालीनता से शिष्टा से लोगों को प्रेरणा दे लेकिन जिस तरह का भाव दिखाई दिया है ये भजन करने वाले लोग है ये वो लोग है महाकुंभ का महा घपला जो व्यवस्था खराब हुई उसकी वजह से ये भाषा बोल रहे है, मुख्यमंत्री योगी भी है हमारे जितने साधु संत महात्मा है वो सच बोलते है ये वो मुख्यमंत्री है घटना को छुपाना चाहते है , पानी का क्या स्तर है किस पानी से स्नान किया लोगो ने नाले जा रहे है।

उर्दू के बयान पर अखिलेश यादव ने बोला, मुख्यमंत्री इस बात को समझते नहीं है उर्दू भाषा इसी देश की इसी जमीन में जन्मी है उर्दू भाषा में हिंदी शब्द है टर्किश परशियन है अरेबिक है उर्दू भाषा को वह समझते नहीं है उर्दू हमारी भारतीय भाषा है उर्दू हिंदी में वही फर्क है जो कुमाऊनी और गढ़वाली जानता होगा मुख्यमंत्री से पूछे स्टेशन की हिंदी क्या है क्रिकेट की हिंदी क्या है अंग्रेजी का प्रभाव हमारी संस्कृति पर पड़ा है मुख्यमंत्री के अंदर नकारात्मक है महाकुंभ में जो बर्बादी हुई है उसकी वजह से उनकी भाषा ऐसी है।

जो अपने आप को साध के चले वह साधु है, मुख्यमंत्री सात के चलते हैं महाकुंभ के खिलाफ कोई नहीं है लेकिन भगदड़ कैसे हो गई ट्रैफिक जाम हो गया लोगों की जान चली गई श्रद्धालु बनारस से मर गए उनकी मदद कौन करेगा।

मुख्यमंत्री को रिपोर्ट का पता होगा इसीलिए उन्होंने कपड़े पहनकर स्नान किया, जिन श्रद्धालुओं की जान गई है सरकार उनकी मदद करें और इस स्नान के बाद जो लोग बीमार होगे उनकी बीमारी का भी इलाज सरकार कराए, जनता को गुमराह करके सरकार बनाई है और अब अधिकारी इनको गुमराह कर रहे हैं मुख्यमंत्री का व्यवहार समझते हैं अधिकारी इसलिए अधिकारी अपना करप्शन छुपा रहे हैं भ्रष्टाचार छुपा रहे हैं शौचालय में घोटाला हुआ है।

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