पंजाब/यूटर्न/30 जुलाई: पंजाब में बेअदबी की घटनाओं के आरोपी प्रदीप कलेर के एक इंटरव्यू के बाद विरोध शुरू हो गया है। वल्टोहा ने प्रदीप क्लेर के आरोपों का जवाब दिया है, वहीं बागी गुट को भाजपा का समर्थन होने का भी इशारा किया है। वहीं, बेअदबी की घटनाओं में अकाली दल को फंसाने के आरोप सत्ता पार्टी व विरोधी पार्टियों पर लगाए हैं। विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि जो व्यक्ति 5 बेअदबी के आरोपों में सीधे तौर पर शामिल है, उसे महान शखिसयत के तौर पर पेश किया जा रहा है। जो आरोप लगाए गए हैं, वे सिखों के सर्वोच्च न्यायालय श्री अकाल तखत साहिब पर विचाराधीन हैं और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल अपना पक्ष बंद लिफाफे में रख चुके हैं। वल्टोहा ने कहा कि प्रदीप कलेर के कहे अनुसार, सुखबीर बादल डेरा मुखी राम रहीम को मिलने के लिए कभी दिल्ली, कभी जयपुर आया। लेकिन उसे ऐसा बोलने से पहले एक सबूत तो पेश करना चाहिए। अगर ये बात सच होती और डेरा मुखी का समर्थन अकाली दल को मिला होता तो 2007, 20012 और 2017 में अकाली दल डेरा समर्थक हलकों में हारता नहीं। वल्टोहा ने कहा कि पौशाक जो 2007 में डेरे में डाली थी, वे सुखबीर बादल ने भेजी थी। ये बातें करने वाली बीबी वरपाल कौर आज कहां है। जब बीबी वरपाल कौर ने ये आरोप लगाए थे, उसके बाद भाग भी गई थी। बीबी वरपाल के बाद पूर्व डीजीपी शशिकांत ने भी यही आरोप लगाए। लेकिन बाद में वे मुकर गया। वल्टोहा ने आरोप लगाया कि प्रदीप कलेर कभी डेरा सच्चा सौदा के पॉलीटिकल विंग का मुखी नहीं है। 2007 में पहली बार इनका पॉलीटिकल विंग बनता है और 2007 में ये कांग्रेस की ओपन स्पोर्ट करते हैं। 2012 में कैप्टन और उनके समर्थक डेरा पहुंचते हैं और समर्थन मांगते हैं। प्रदीप का एक और झूठ कि पॉलीटिकल विंग का हेड है, लेकिन उसका हेड राम सिंह है। वे सिर्फ 45 सदस्यों के बने विंग का सदस्य हैं।
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