AIPL के छाती पर मूँग दलने जैसे हालात
लुधियाना 12 जून। लुधियाना की विवादों से घिरी चर्चित टाउनशिप एआईपीएल ड्रीम सिटी एक बार फिर से विवादों में फंस चुकी है। दरअसल, यह टाउनशिप इललीगल तो है ही और ग्लाडा द्वारा आज तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। लेकिन अब एआईपीएल की और से अपनी बाहुबली स्थिति जग जाहिर कर दी है। एआईपीएल की और से उसे नोटिस निकालने वाले ग्लाडा के ऑफिस आगे ही एक बड़ा सा बोर्ड लगा दिया गया है। बल्कि बोर्ड पर अपनी टाउनशिप की एड की जा रही है। जबकि इसी एआईपीएल टाउनशिप को ग्लाडा द्वारा इललीगल करार करते हुए शहरभर से बोर्ड व बैनर उतारने के ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। लेकिन उन ऑर्डरों को 225 दिन बीतने के बाद भी एआईपीएल तो नहीं सुधरा और न ही ग्लाडा उस पर एक्शन ले सका। जबकि उल्ट उसकी और से ग्लाडा के ऑफिस आगे बोर्ड लगाकर छाती पर मूँग दलने जैसे हालात किए गए हैं। जबकि लोगों में यह भी चर्चा है कि ग्लाडा अधिकारियों की शह पर ही उक्त टाउनशिप द्वारा लगातार लोगों से ठगी की जा रही है।
जिसे शहर से बोर्ड उतारने को कहा, उसी ने ऑफिस आगे लगाया
जानकारी के अनुसार ग्लाडा के पूर्व सीए सागर सेतिया द्वारा शहर की कई अवैध टाउनशिप के खिलाफ एक्शन लिया। उसी के तहत एआईपीएल पर भी कार्रवाई की। पूर्व सीए सेतिया द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को एआईपीएल को नोटिस जारी किया था। जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा था कि एआईपीएल रजिस्टर्ड नहीं है। जबकि उसे ग्लाडा के पास रजिस्टर्ड आइरियो वाटर फ्रंट के नाम से पब्लिसिटी करने को कहा गया। इसी के तहत एआईपीएल को शहर में सभी बोर्ड उतारने के आदेश दिए थे। लेकिन 225 दिन बाद भी एक भी बोर्ड नहीं उतरा, बल्कि एआईपीएल ने उसे नोटिस जारी करने वाले ग्लाडा के ऑफिस आगे ही बोर्ड लगाकर साबित कर दिया कि वह कितना बाहुबली है। यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
रिकॉर्ड में एआईपीएल नामक कोई कॉलोनी ही नहीं
जानकारी के अनुसार एक शहरवासी द्वारा ग्लाडा से एआईपीएल का रिकॉर्ड मांगा गया था। लेकिन ग्लाडा की और से कुछ समय पहले खुद दस्तावेज जारी कर यह बताया जा चुका है कि उनके पास रिकॉर्ड में एआईपीएल नाम की कोई कॉलोनी ही रजिस्टर्ड नहीं है। न ही ऐसे नाम की किसी कॉलोनी को उन्होंने लाइसेंस जारी किया है। हैरानी की बात तो यह है कि अगर ऐसी कोई कॉलोनी ग्लाडा के रिकॉर्ड में ही नहीं है तो वह लोगों को कैसे प्लॉट बेचकर पैसे हड़प कर रहे हैं।
सरेआम होती है पार्टियां व बड़े फंक्शन
एआईपीएल की और से इललीगल होने के बावजूद सरेआम पार्टियां व बड़े फंक्शन आयोजित किए जाते हैं। जिसमें लाखों रुपए की कमाई की जा रही है। नामी सिंगरों को लाइव शो में बुलाया जाता है। पूरे शहर को इसका पता होता है, लेकिन सिर्फ ग्लाडा अधिकारियों को ही इसकी जानकारी नहीं होती। जिसके चलते लोगों द्वारा ग्लाडा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
ग्लाडा की छत्रछाया या इंटेलिजेंस की कमी
वैसे तो ग्लाडा के अधिकारी कुछ गज में बन रहे प्लॉट का पता चलने पर तुरंत एक्शन लेते हुए गिरा देती है। लेकिन अब कई सो एकड़ में बनी अवैध एआईपीएल कॉलोनी पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। चर्चा है कि ग्लाडा अधिकारियों की छत्रछाया में ही यह सब अवैध काम हो रहे हैं। अब इसे अधिकारियों की मेहरबानी कहें या इंटेलिजेंस की कमी, कि उन्हें कुछ पता ही नहीं चल पाता। चाहे पूरे शहर में अवैध कॉलोनियां बनाकर लोगों से ठगी कर दी जाए।