लुधियाना 1 मई। साउथ सिटी रोड पर एआईपीएल टाउनशिप द्वारा सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाकर लोगों से पैसा हड़प किया जा रहा है। एक तरफ तो ग्लाडा की तरफ से एआईपीएल को इल्लीगल घोषित कर दिया गया है। लेकिन दूसरी तरफ वहीं टाउनशिप द्वारा मंगलवार को भूमि पूजन कराया गया है। जिसमें लोगों व डीलरों को बुलाया गया, ताकि वह अपने प्रोजेक्ट को प्रमोट कर सकें। नोटिस जारी होने के बावजूद सरेआम भूमि पूजन करके टाउनशिप के अधिकारी ग्लाडा को ठेंगा दिखा रहे हैं। लेकिन फिर भी अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे। लोगों में चर्चा है कि ग्लाडा की छत्रछाया में ही यह घोटाला किया जा रहा है। इसी के चलते बाहुबली टाउनशिप मालिक सरेआम ठेंगा दिखाते हुए मानों यह कह रहे हैं कि आप नोटिस जारी करते रहो, लेकिन हमें कोई प्रवाह नहीं है।
हम हैं बाहुबली, नहीं किसी की प्रवाह
ग्लाडा की और से पहले एआईपीएल को बोर्ड उतारने के लिए नोटिस जारी किया गया। लेकिन बोर्ड नहीं उतरे। हालांकि एक प्लॉट होल्डर ने यह भी कहा कि उसने दो साल पहले शहर में एआईपीएल के बोर्ड लगे देखकर ही प्लॉट खरीदा था। जिसके चलते उसकी पेमेंट फंस गई। फिर खुद ही ग्लाडा ने माना कि एआईपीएल रजिस्टर्ड नहीं है। जिसके बावजूद टाउनशिप अधिकारी सरेआम प्लॉट बेच रहे हैं। देखने में ऐसे लगता है कि जैसे टाउनशिप अधिकारी बाहुबली है। एक नोटिस जारी करो चाहे 10, लेकिन न तो वह रुकेगें और न ही कोई नियम मानेगें।
बिल्डिंग बनाकर रजिस्ट्री प्लॉट की करवाते हैं अधिकारी
लोगों में चर्चा है कि टाउनशिप अधिकारियों की और से उनके पास जमीन खरीदने वाले लोगों को पहले बनी हुई बिल्डिंग दिखाकर माल बेचा जाता है। लेकिन रजिस्ट्री सिर्फ प्लॉट की करवाई जाती है। जबकि उस समय नक्शा पास कराने के लिए प्लॉट होल्डर को कहा जाता है। जिसके चलते प्लॉट होल्डर को पहले बनी हुई बिल्डिंग की कंपाउंडिंग फीस जमा करानी पड़ती है, जिसके बाद ही नक्शा मिलता है। यानि कि प्लॉट होल्डरों को डब्ल जुर्माना भरना पड़ रहा है।
आइरियो का माल बेच रहा एआईपीएल
जानकारी के अनुसार आइरियो का माल इल्लीगल तरीके से एआईपीएल की और से बेचा जा रहा है। जबकि एआईपीएल ग्लाडा के पास रजिस्टर्ड ही नहीं है। जबकि शहर में एक भी बोर्ड आइरियो वाटर फ्रंट का नहीं है। हालांकि आइरियो की और से प्लॉट बेचने के दौरान क्लब और डवेलपमेंट चार्ज फ्री रखे गए थे। जब टाउनशिप बनाने वाली कंपनी द्वारा सभी चार्ज फ्री कर रखे थे, तो आगे इल्लीगल तरीके से प्लॉट बेच रही कंपनी आखिर कैसे होल्डरों से पैसे वसूल कर सकती है। जबकि प्लॉट बेचने के दौरान कंडीशन आइरियो की दिखाई जाती है, जबकि बाद में अपनी शर्तें रख होल्डरों को ठगा जा रहा है। लेकिन ग्लाजा मूकदर्शक बनकर बैठा है।