केंद्र सरकार ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब
नई दिल्ली, 22 जुलाई। एयर इंडिया की उड़ान ए-वन-171 के 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के एक महीने से भी ज़्यादा समय बाद यह हादसा चर्चा में है। जिसमें विमान में सवार 241 यात्री और ज़मीन पर 19 लोग मारे गए थे।
जानकारी के मुताबिक अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने खुलासा किया है कि एयर इंडिया को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए गए छे। ये नोटिस पिछले छह महीनों में पांच कई सुरक्षा उल्लंघनों को लेकर थे। तोड़फोड़ की आशंकाओं पर मंत्रालय ने कहा कि हर पहलू की जांच बिना किसी विशिष्ट जांच की पुष्टि या खंडन किए बिना हो रही है। संसद में कई सदस्यों के सवालों के जवाब में सरकार ने कहा कि इस अवधि के दौरान दुर्घटनाग्रस्त विमान के विश्वसनीयता रिकॉर्ड में कोई नकारात्मक रुझान दर्ज नहीं किया गया। हालांकि, इन उल्लंघनों के आधार पर एक प्रवर्तन कार्रवाई की गई थी। मंत्रालय ने उल्लंघनों की प्रकृति, कार्रवाई क्यों की गई, इसका खुलासा नहीं किया।
इस बारे में सरकार ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन दोहराया कि एयरलाइन को नौ नोटिस मिले। दुर्घटना के कारण और जांच में देरी पर मंत्रालय ने कहा कि 12 जुलाई को प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी, हालांकि दुर्घटना के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है। मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि विमान के एक उड़ान रिकॉर्डर से डेटा आंतरिक प्रयोगशाला में डाउनलोड कर लिया गया था। ब्लैक बॉक्स को विश्लेषण के लिए विदेश नहीं भेजा गया था। मुआवज़े के संबंध में सरकार ने कहा कि 114 मृत यात्रियों के परिवारों को 25-25 लाख का अंतरिम भुगतान किया जा चुका है, जबकि दस्तावेज़ जमा करने में देरी से अन्य भुगतान लंबित हैं। इसके अलावा एयरलाइन की मूल कंपनी ने प्रत्येक पीड़ित को एक करोड़ का मुआवज़ा देने का वादा किया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, दुर्घटना में कुल 260 लोग मारे गए और 81 घायल हुए। ज़मीन पर मौजूद कई पीड़ितों की पहचान गंभीर चोटों के कारण डीएनए परीक्षण के ज़रिए करनी पड़ी।
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