गुरुद्वारों से अनाउंसमेंट कर वोट न मांगने की चेतावनी
दी भाजपा नेताओं को, गिदड़बाहा में भी विरोध शुरु
नदीम अंसारी
लुधियाना/यूटर्न/1 अप्रैल। जैसी आशंका जताई जा रही थी, लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होने के साथ आंदोलित किसानों का भाजपा-विरोध भी बढ़ रहा है। जिस तरह उनकी जत्थेबंदियां एक्टिव हैं, किसान चुनाव के दौरान गांवों में भाजपा को खूब परेशान करेंगे।
विरोध के साथ भाजपा नेताओं से करेंगे सवाल
ताजा मामला संगरुर जिले के नामोल गांव का है। जहां भाजपा के खिलाफ पोस्टर लग चुके हैं। जबकि गांव के गुरुद्वारों से अनाउंसमेंट्स हो रहे हैं। जिसमें भाजपा नेताओं को इलाके में वोट न मांगने की चेतावनी दी जा रही है। अनाउंसमेंट में कहा जा रहा है कि खनौरी व शंभू बॉर्डर पर किसानों की तरफ से लगातार प्रदर्शन जारी है। किसानी हक व मांगों को लेकर बैठे किसानों पर भाजपा की तरफ से सीधी गोलियां मारी गईं और लाठीचार्ज किया गया। किसान संगठनों ने इसका विरोध शुरू किया है। अगर गांव में कोई भाजपा का नुमाईंदा आता है तो उसका विरोध करना है और उससे सवाल-जवाब भी करने हैं।
भारतीय किसान यूनियन आजाद की तरफ से गांव में पोस्टर भी लगाए गए हैं। इनमें आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह की तस्वीरें लगी हैं। जिसकी मौत 21 फरवरी को खनौरी सीमा पर हरियाणा सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान हो गई थी। वहीं, पोस्टर में एक तरफ संगरूर के ही किसान प्रितपाल सिंह की दुर्दशा दिखाई गई है, जो हरियाणा पुलिस के हमले में गंभीर घायल होने पर चर्चा में बना है। बीकेयू आजाद के नेता हैप्पी सिंह नामोल ने कहा कि भाजपा का विरोध करना हमारा नैतिक तौर पर बनता है और लोकतंत्र इस तरीके विरोध की इजाजत भी देता है।
गिदड़बाहा में भी लगे पोस्टर
गिद्दड़बाहा लोकसभा क्षेत्र के भारू गांव में भी पिछले कुछ दिनों से दीवारों पर भाजपा की मुखालफत वाले पोस्टर चिपकाए गए हैं। मालवा के कई गांव में किसान अपना विरोध जता रहे हैं और भाजपा नेताओं को गांव में नहीं घुसने देने के दावे कर रहे हैं। यहां गौरतलब है कि 24 मार्च को बठिंडा में उस समय तनाव फैल गया था, जब भाजपा बूथ सम्मेलन में किसानों ने विरोध किया था। नतीजतन भाजपा प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के आने का प्रोग्राम तक रद्द करना पड़ा था।
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