लुधियाना कोर्ट कांप्लेक्स में जाली वकील व साथी एडवोकेट पर पर्चा दर्ज होने का मामला
राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 16 मार्च। लुधियाना जिला कोर्ट कांप्लेक्स में एडवोकेट सुखमनी सिंह उर्फ मनी ओहरी पर जाली वकील होने के आरोप लगे हैं। वहीं इसके अलावा एडवोकेट डेविड गिल पर सुखमनी के साथ मिलकर लोगों को एलएलबी की जाली डिग्रियां बेचने के आरोप लगे हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक जिला बार एसोसिएशन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया और न ही जांच की है। वहीं शिकायकतकर्ता तरनजीत सिंह की और से पुलिस को दी शिकायत में कई आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि सुखमनी सिंह और एडवोकेट डेविड गिल द्वारा नए स्टूडेंट्स को वकील बनाने का झांसा दिया जाता था। वहीं चर्चा है कि आरोपियों की और से लुधियाना की तहसीलों में ड्यूटी कर रहे अफसरों को भी ब्लैकमेल किया जाता था। उनकी तरफ से अफसरों की कोई न कोई कमी पकड़ ली जाती थी। जिसके बाद उसका डरावा देकर मोटी रकम वसूल की जाती थी। जबकि आरोपी ज्यादा तौर पर ईस्ट तहसील में तैनात अफसरों को ही निशाना बनाते थे। चर्चा है कि सुखमनी की कई तहसीलदारों से अच्छी सेटिंग भी थी। उसने कई रजिस्ट्रियों में भी गंवाही डाली है। वहीं चर्चा है कि तहसीलदारों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में भी इसी तरह के लोग शामिल थे, जिनकी और से गलत गवाही डाली जाती रही है। अब देखना होगा कि क्या मान सरकार तहसीलदारों पर नुकेल डालने के बाद अब ऐसे जाली वकीलों पर भी एक्शन लेगी या नहीं।
घर पर ही तैयार करते हैं डिग्रियां
शिकायतकर्ता तरनजीत सिंह का आरोप है कि आरोपी जाली डिग्री बनाने की एवज में 1 से 3 लाख रुपए लेते थे। तरनजीत का आरोप है कि आरोपियों ने घर पर ही प्रिंटर रखे हुए हैं। जिससे जाली डिग्रियां तैयार की जाती है। जिसके बाद उन्हें खुद ही अलग अलग यूनिवर्सिटी की एलएलबी की डिग्रियां तैयार करके दे दी जाती थी। तरनजीत का आरोप है कि इस तरह करके उन्होंने कई युवाओं की जिंदगियां खराब की है। अगर पुलिस मामले की गंभीरता से जांच करे तो कई खुलासे हो सकते हैं।
यूनिवर्सिटी से किया जा चुका वेरिफाई
वहीं सुखमनी सिंह मनी ओहरी पर एलएलबी की जाली डिग्री होने के आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता तरनजीत सिंह का आरोप है कि राजस्थान की सनराइज यूनिवर्सिटी की डिग्री बताई जा रही है, वहां से वेरिफाई कराया गया। यूनिवर्सिटी प्रबंधकों द्वारा खुद ऐसी कोई डिग्री जारी न करने की जानकारी पत्र के जरिए भेजी गई है।
डीबीए के चुनाव में जमकर किया प्रचार
हैरानी की बात तो यह है कि सुखमनी सिंह द्वारा कुछ दिन पहले लुधियाना जिला बार एसोसिएशन के हुए चुनाव में जमकर प्रचार किया गया। यदि सुखमनी सिंह के पास जाली डिग्री है तो वह आखिर प्रचार किस आधार पर कर रहा था। यहां तक कि उसकी तरफ से चुनाव संबंधी तहसील ईस्ट में वकीलों की मीटिंग भी रखवाई गई थी। जिससे साफ जाहिर है कि तहसील में उसका अच्छा होल्ड है। वहीं हैरानी की बात तो यह भी है कि अगर उसके पास जाली डिग्री है और वे पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल के पास रजिस्टर्ड ही नहीं है तो भी चुनाव में खड़े उम्मीदवारों और अन्य वकील भाईचारे द्वारा उसे पकड़ा क्यों नहीं जा सका।
सोशल मीडिया पर खुद को बताता है वकील
वहीं सोशल मीडिया पर भी सुखमनी मनी ओहरी पूरी तरह एक्टिव है। उसकी तरफ से सोशल मीडिया पर खुद को एडवोकेट ही बताया जाता है। यहां तक कि उसकी तरफ से जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में खड़े अलग अलग उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में शामिल होने की वीडियोज व फोटोज डाल रखी है।
140 वकीलों के इनरोलमेंट सर्टिफिकेट निकल चुके फेक
जानकारी के अनुसार 2022 में लुधियाना के सभी वकीलों के इनरोलमेंट नंबरों की चैकिंग हुई थी। जिसमें बताया गया था कि 140 वकीलों के इनरोलमेंट सर्टिफिकेट फेक निकले है। इस संबंध में तब पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल की आनुशासनिक कमेटी के चेयरमैन सीएम मुंजाल, सदस्य हरीश राय ढांडा तथा विकास विश्नोई की और से इन वकीलों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए एक लिस्ट पुलिस कमिश्नर के पास भेजी थी।
बचाव में जुटे राजनेता व वकील साथी
वहीं चर्चा है कि अब आरोपियों का बचाव करने के लिए कई राजनेता और वकील साथी आगे आ रहे हैं। उनकी तरफ से जोड़ तोड़ करके किसी न किसी तरीके से आरोपियों का बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस क्या सख्त एक्शन लेती है या नहीं।
कुछ समय पहले ही खरीदी फॉरच्यूनर
शिकायतकर्ता तरनजीत सिंह का आरोप है कि कुछ साल पहले सुखमनी सिंह के पास ज्यादा प्रॉपर्टी नहीं थी। लेकिन अब वे कई बेशकीमती प्रॉपर्टियों का मालिक बन चुका है। जबकि कुछ महीने पहले ही उसने नई फॉरच्यूनर कार भी खरीदी है। हैरानी की बात तो यह है कि ऐसी कौन सी बूटी सुखमनी सिंह के हाथ लग गई, जिससे वह इतने कम समय में करोड़पति बन बैठा। तरनजीत ने आरोप लगाया कि यदि पुलिस इसकी गंभीरता से जांच करे तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आएगा।
क्या मान सरकार लेगी एक्शन
वहीं, पिछली सरकारों फिर चाहे वह अकाली दल हो या कांग्रेस, लेकिन किसी भी सरकार द्वारा तहसीलों में हो रहे भ्रष्टाचार पर नुकेल नहीं डाली जा सकी थी। लेकिन मान सरकार द्वारा इस पर एक्शन लिया गया। अब देखना होगा कि क्या पंजाब की इस जाली वकीलों के स्कैम में एक बोल्ड स्टैप लेकर जनता को बचाएगी या नहीं।
जांच होगी, जो गलत पाया गया एक्शन लेंगे
वहीं पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल के वाइस चेयरमैन और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान चेतन वर्मा ने कहा कि शिकायतकर्ता के बेटे और सुखमनी व डेविड गिल की आपसी रंजिश के चलते एक दूसरे पर एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। सुखमनी सिंह पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल के अधीन रजिस्टर्ड नहीं है। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी, जो गलत पाया उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।