MP अरोड़ा व MLA गोगी के प्रयासों के बाद तीन मेंबरी SIT का किया गठन, 10 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश

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न्यू हाई स्कूल स्कैम मामले में एक्शन

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 5 अगस्त। लुधियाना के नामी न्यू हाई स्कूल स्कैम में जिला प्रशासन द्वारा एक्शन शुरु कर दिया गया है। जिला डीसी साक्षी साहनी की और से मामले में तीन मेंबरी कमेटी का गठन कर दिया है। उक्त कमेटी की और से इस पूरे स्कैम की जांच कर 10 दिन के अंदर अंदर डीसी को रिपोर्ट दी जाएगी। यूटर्न टाइम अखबार की और से मड़िया ग्रुप के सुनील दत्त मड़िया द्वारा न्यू हाई स्कूल कमेटी के जरिए किए स्कैम का पर्दाफाश किया गया था। जिसके बाद इस मामले में स्कूल के ओल्ड स्टूडेंट्स की और से न्यू हाई स्कूल एलुमनी एसोसिएशन का गठन कर आवाज उठाई। उनकी और से सांसद संजीव अरोड़ा, विधायक गुरप्रीत गोगी, डीसी, पुलिस कमिश्नर को सुनील मड़िया के खिलाफ शिकायत दी गई थी। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई। शिकायत मिलने के बाद सांसद संजीव अरोड़ा व विधायक गुरप्रीत गोगी द्वारा इस मामले की प्रमुख्यता से आवाज प्रशासन तक पहुंचाई गई। जबकि सांसद संजीव अरोड़ा द्वारा लिखित में डीसी को भेजा गया। सांसद व विधायक के प्रयासों के बाद इस मामले में अब जांच शुरु कर दी गई है। डीसी द्वारा बनाई एसआईटी में एसडीएम पूर्वी चेयरपर्सन होंगे, जबकि जिला शिक्षा अफसर प्राइमरी व जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर मेंबर्स होंगे। इनकी और से मिलकर जांच की जाएगी।

प्राइमरी स्कूल में बनाई कोठियां, सैकेंडरी में बनाया पीजी
जानकारी के अनुसार सिविल लाइन में पहले न्यू हाई स्कूल हिंदी मीडियम में था। जिसके बाद सरकार द्वारा इंगलिश मीडियम के लिए स्कूल को सराभा नगर में जगह दी गई। स्कूल की कमेटी में जबरन मड़िया ग्रुप का मालिक सुनील मड़िया दाखिल हुआ और फिर अपने रिश्तेदारों व दोस्तों को भी मेंबर बना लिया। उसने प्राइमरी स्कूल की आधी बिल्डिंग गिराकर चार कोठियां बना दी। जिनकी सुनील मड़िया व स्कूल कमेटी मेंबरों द्वारा हर महीने किराया खाया जा रहा है। जबकि सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बिल्डिंग में एनएस होम के नाम से पीजी बना दिया, जिसे लड़कियों को किराया पर दिया जाता है। यहीं नहीं अपना दबदबा बनाने को पीजी बाहर मड़िया ग्रुप का बोर्ड लगा दिया। जहां पहले स्कूल में एक हजार बच्चा पढ़ता था। अब सिर्फ दिखावे को 30-40 बच्चे पढ़ाए जाते हैं।

नटवरलाल नाम से मशहूर है सुनील मड़िया
जानकारी के अनुसार सुनील मड़िया शहर में नटवरलाल नाम से मशहूर है। जबकि लोगों द्वारा उसे दलबदलू भी कहा जाता है। लोगों में चर्चा है कि सुनील मड़िया समय समय की सरकार में रहकर काम कराता है। जब जिस पार्टी की सरकारी होती है, उनके नेताओं को अपने प्रभाव में लेकर इललीगल काम कराता है। इसी तरह नेताओं की शह पर ही उसने धीरे धीरे स्कूल पर कब्जा कर लिया।

मड़िया ने शहर के छीना अच्छा शित्रा संस्थान
न्यू हाई स्कूल एलुमनी एसोसिएशन के प्रधान राजेश गर्ग, सुभाष गुप्ता, दिनेश गर्ग और अमरवीर सिंह ने आरोप लगाए है कि सुनील मड़िया की और से एक बड़ी साजिश के तहत इस स्कूल को शहर से एक अच्छा शिक्षा संस्थान छीना है। क्योंकि इस स्कूल में राकेश भारती मित्तल, ओंकार सिंह पाहवा, ओंक्टेव के मालिक, संजीव महेंद्रू समेत कई नामी हस्तियों द्वारा शिक्षा प्राप्त की और आज एक मुकाम हासिल किया। जबकि अगर आज यहीं स्कूल पहले की तरह चलता तो और बच्चे अपना अच्छा भविषय बनाकर निकलते।

हाई स्कूल ने कॉन्वेंट स्कूल भी कर रखे थे फेल
ओल्ड स्टूडेंट्स ने बताया कि न्यू हाई स्कूल का एक अपना रुतबा था। स्कूल में पढ़ना अपने आप में एक शान थी। उस समय में इस स्कूल ने कॉन्वेंट स्कूल भी फेल कर रखे थे। इस स्कूल की अहमियत इतनी थी कि अगर पेरेंट्स अपने बच्चे को आठवीं क्लास कॉन्वेंट स्कूल में कराते थे, तो 9वीं व 10 वीं क्लास न्यू हाई स्कूल में करवाई जाती थी। क्योंकि इसके सर्टीफिकेट की वैल्यू थी।

विधायक गोगी ने भी उठाया मुद्दा
जानकारी के अनुसार ओल्ड स्टूडेंट्स की और से पहले मामले संबंधी विधायक गुरप्रीत गोगी को शिकायत की थी। विधायक गोगी द्वारा ओल्ड स्टूडेंट्स को साथ लेकर डीसी के साथ मीटिंग भी की थी। जबकि मामले में उच्चित एक्शन लेने के आदेश भी दिए थे। समय समय पर विधायक द्वारा स्कूल के मुद्दे को उठाया। जिसके बाद अब जाकर एक्शन शुरु हुआ।

जबरन कमेटी में घुसकर, फिर बनाई फर्जी संस्था
ओल्ड स्टूडेंट्स ने बताया कि 1966 में लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की और से सराभा नगर में 2200 गज जमीन स्कूल बनाने को अलॉट की थी। सिविल लाइन में दो न्यू सीनियर सैकेंडरी और प्राइमरी स्कूल बनाने को जगह अलॉट की थी। तीनों स्कूल संस्था द्वारा चलाए जा रहे थे। पेरेंट बॉडी रजिस्टर्ड सोसायटी के मुताबिक स्कूल को स्कूल में पढ़ते स्टूडेंट्स और उनके माता पिता ही संस्था को चला सकते हैं। 1997 तक सही तरीके से स्कूल चला। लेकिन फिर सुनिल मड़िया जबरन संस्था का मेंबर बन गया। जबकि उसका स्कूल में न तो बच्चा पढ़ता है और न ही वह यहां पढ़ा हैं। जिसके बाद सुनील मड़िया 1998 में संस्था का प्रधान बन गया। मड़िया ने 2001 में न्यू मैनेजिंग कमेटी न्यू हाई स्कूल के नाम से जाली संस्था बना ली।

रिश्तेदारों व करीबियों को किया संस्था में शामिल
ओल्ड स्टूडेंट्स का आरोप है कि सुनील मड़िया औ कमेटी का मेंबर बनने के बाद धीरे धीरे सभी मेंबरों को साइड़ कर दिया गया। फिर नई संस्था बनाकर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को स्कूल की संस्था का मेंबर बना लिया। जिसके बाद स्कूल की 45 हजार गज की जमीन हड़पने की कोशिश की गई। उनकी और से सभी जमीनें अलग अलग लोगों को बेच दी गई हैं।

तीन बाहरी स्कूलों को बेच डाली जमीन
वहीं उक्त सभी जाली संस्था के मेंबरों ने मिलकर जाली दस्तावेजों के आधार पर जमीन की जाली डीड तैयार करवा रखी है। उक्त लोगों द्वारा न्यू हाई स्कूल की जगह श्री राम यूनिवर्सल स्कूल, कंगारू किडस स्कूल और आर्चिड स्कूल बनवा दिया गया। उक्त स्कूलों के मालिक स्कूल भी सुनील मड़िया के साथ मिलकर जाली दस्तावेज बना सरकारी जमीन हड़पने वालों में ही शामिल हैं।

जांच के बाद मिलनी चाहिए जुर्म करने वालों को सजा
वहीं एडवोकेट बिक्रम सिंह ने कहा कि सुनी मड़िया व इस स्कैम में उसके साथ शामिल लोगों ने हमारे बच्चों के आने वाले भविषय के साथ धोखाधड़ी की गई है। शहर की समस्याओं को हम समझते हैं। इस मामले की जांच कर जुर्म करने वालों को सजा होनी चाहिए। ताकि हमारे बच्चों को आईलट्स करके विदेश न जाना पड़े, जबकि वह न्यू हाई स्कूल जैसे स्कूलों में स्टडी करके अच्छा मुकाम हासिल करें। कांग्रेस सरकार के समय ही सुनील मड़िया ने स्कूल की जमीनें बेची और वहां नए स्कूल बनवा डाले। राजनीतिक शह पर ही यह सारा स्कैम किया गया है।

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