25 सितम्बर— पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों का बंटवारा बच्चों का अधिकार है चाहे मामला दूसरी शादी से जुड़ा हो। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिवंगत कर्मचारी राकेश कुमार के पेंशनरी और सेवानिवृत्ति लाभ दूसरी शादी से हुए बच्चों को तीन महीने में देने का निर्देश दिया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों के बंटवारे में बच्चों के अधिकार सुरक्षित हैं, भले ही मामला दूसरी शादी से संबंधित क्यों न हो। यह आदेश अभिषेक दत्ता और उनकी बहन की याचिका पर आया, जिन्होंने पीएसपीसीएल के उस निर्णय को चुनौती दी थी जिसमें निगम ने उनके पिता की 50 प्रतिशत पेंशन और ग्रेच्युटी रोक ली थी। राकेश कुमार, जो असिस्टेंट लाइनमैन थे, का निधन मई 2013 में हो गया था। निगम ने शेष लाभ इसलिए रोके थे क्योंकि राकेश कुमार की पहली पत्नी मीना के अस्तित्व का हवाला दिया गया था। अदालत ने पाया कि मीना ने राकेश कुमार से अलग होने के बाद दूसरी शादी कर ली थी और पिछले दो दशकों से अपने नए पति के साथ रह रही थीं। कर्मचारी अभिलेखों और 2013 के डिपेंडेंसी सर्टिफिकेट में केवल दूसरी पत्नी रजनी, उनके बच्चे और राकेश कुमार की मां को आश्रित के रूप में दर्शाया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि बिना किसी दावे या आपत्ति के सिर्फ अनुमान के आधार पर पेंशन लाभ रोकना न्यायसंगत नहीं है। नियमों का यांत्रिक अनुप्रयोग करके योग्य वारिसों को उनका हक न देना न्याय के उद्देश्य को नुकसान पहुंचाता है।
