केसरगंज मंडी में 3 युवकों को फर्जी जीएसटी अधिकारी बता पीटने का मामला
लुधियाना 21 नवंबर। केसरगंज मंडी में 9 अक्टूबर को खरीददारी करने आए कुछ युवकों को फर्जी जीएसटी अधिकारी बताकर ड्राई फ्रूट व्यापारियों और उनके साथियों द्वारा मारपीट की थी। इस मामले में डेढ़ महीने बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई कर दी गई है। चर्चा है कि कोर्ट के आदेशों के बाद पुलिस द्वारा एक्शन लिया गया है। जिसके चलते थाना कोतवाली की पुलिस ने खन्ना के दशमेश नगर के रहने वाले हरचरन सिंह की शिकायत पर 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी तक एक भी आरोपी व्यापारी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जिसके लिए पुलिस लगातार रेड कर रही है। जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि वह 9 अक्टूबर को अपने दोस्त आशीश वर्मा और गुरजंट सिंह के साथ केसरगंज मार्केट में शॉपिंग करने गया था। इस दौरान वह मार्केट में ड्राई फ्रूट खरीदने लग गए। इस दौरान उन्होंने दुकान से ड्राई फ्रूट खरीदा।
दुकान पर मौजूद लोग कहने लगे फर्जी अधिकारी
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ड्राई फ्रूट खरीदते हुए दुकान पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा उन्हें जबरन ही जीएसटी विभाग के फर्जी अधिकारी कहना शुरु कर दिया। हालांकि उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया। लेकिन इस बीच वहां और दुकानदार भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने मिलकर उनके साथ मारपीट की। यहां तक कि शिकायतकर्ता की पगड़ी तक उतार दी गई। पीड़ित अनुसार वह अपना सफाई देते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी।
मौके पर मीडिया बुला करवाई वीडियोग्राफी
शिकायतकर्ता ने पुलिस को दिए बयानों में यह भी आरोप लगाए हैं कि केसरगंज मंडी के दुकानदारों द्वारा मौके पर मीडिया के कुछ लोगों को बुलाया गया। जिसके बाद उनकी वीडियोग्राफी करवाई गई। यहां तक कि वे सोशल मीडिया पर भी डाल दी। जिस कारण उन्हें काफी ठेस पहुंची। हालांकि इस बीच पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर थाने ले गई। बता दें कि इस मामले में जांच के बाद पता चला था कि तीनों युवक बेकसुर हैं। जिसके बाद दुकानदारों द्वारा माफी भी मांगी गई थी। चर्चा है कि इस मामले में पुलिस द्वारा एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद पीड़ितों द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। कोर्ट के आदेशों के बाद मामला दर्ज हुआ है।
दुकानदारों ने बनाई थी कई तरह की बातें
जब युवकों पर फर्जी जीएसटी अधिकारी के झूठ आरोप लगाए तो मौके पर दुकानदारों द्वारा कई झूठी बातें बनाई गई। कहा गया था कि यह युवक 5-6 लोगों का गैंग है, जो बाजार में घूम रहे हैं। यहां तक कि एक व्यक्ति ने तो पीड़ितों के आईडी प्रूफ तक खंगाल डाले। जिसमें एक युवक आशीश वर्मा के एंटी करप्शन फाउंडेशन के आईडी कार्ड को सार्वजनिक भी कर दिया था। वहीं इस मामले में एएसआई बलजिंदर सिंह ने कहा कि पीड़ित द्वारा बयान देरी से लिखाने पर मामला दर्ज करने में देरी हुई है। आरोपियों की तलाश में रेड की जा रही है।
डीटीसी को फोटोज भेज किया था कंफर्म
9 अक्टूबर को मार्केट के प्रधान हरकेश मित्तल ने कहा था कि नकली की पहचान इस तरह हुई कि उन्हें दुकानदारों ने फोन कर कहा कि 4-5 लोग बाजार में घूम रहे हैं। जिसके बाद दुकानदारों ने उन्हें तीनों की फोटोज भेजी। उन्होंने यह फोटोज डीटीसी को भेजी। डीटीसी ने कहा कि यह लोग उनके विभाग के नहीं है, फिर उन्होंने इन तीनों को पकड़ा था।