मॉडल टाउन में नियमों की धज्जियां उड़ा बनाया लक्की टॉवल हाउस लग्जरी शोरुम
बड़ा खेला; बिल्डिंग में लगी थी आग, वसूल चुका मालिक
लाखों का क्लेम, शिकायत कर झिंझोड़ा तो जागा निगम
(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 24 मई। लुधियाना नगर निगम द्वारा इल्लीगल इमारतें बनवाने के कारनामे आए दिन उजागर होते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला और लुधियाना में सामने आया है। जिसमें नगर निगम अधिकारियों की शह पर मॉडल टाउन स्थित चारखंभा रोड पर लक्की टॉवल हाउस लग्जरी शोरुम बनाया गया है। बता दें कि इस रिहायशी इलाके में यह शोरुम बन ही नहीं सकता। जबकि इस आलीशान शोरुम का न तो नक्शा पास है और न ही किसी भी नियमों के तहत इसे बनाया गया है। लेकिन फिर भी पिछले पांच सालों से शोरुम धड़ल्ले से चल रहा है। यहां तक कि शोरुम मालिक द्वारा फायर विभाग से भी किसी भी तरह की कोई एनओसी ही नहीं ली गई। लेकिन अब आरटीआई एक्टिविस्ट रछपाल सिंह गाबड़ियां द्वारा नगर निगम जोन-डी को इस शोरुम खिलाफ शिकायत की गई। जिसके बाद नगर निगम नींद से जागा और अब शोरुम मालिक को नोटिस जारी कर रस्म-अदायगी की गई है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि अगर इल्लीगल बना है तो निगम को इसे गिरा देना चाहिए था। मगर नोटिस थमाकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि इतने सालों से शोरुम में उसके बाहुबली मालिक लाखों का व्यापार कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम को आज तक यह बिल्डिंग इल्लीगल है, इसका ही पात नहीं चल सका। इस तरह करके निगम अधिकारी अपनी तो जेबें भर रहे हैं, लेकिन सरकारी खजाने को मोटा चुना लगा रहे हैं।
रिहायशी इलाके में बनी है कमर्शियल इमारत
नियमों के मुताबिक किसी भी रिहायशी इलाके में कमर्शियल इमारत नहीं बनाई जा सकती। लेकिन तीन मंजिलां लक्की टॉवल स्टोर रिहायशी इलाके में बना और पिछले पांच साल से बिना किसी रोक टोक के चल भी रहा है। उक्त बिल्डिंग में न तो पार्किंग की व्यवस्था है, जिसके चलते वाहन सड़क पर खड़े होते हैं और ट्रैफिक जाम लगता है। जबकि इमारत का नक्शा भी पास नहीं है। वैसे तो किसी भी अवैध इमारत का निर्माण होने से निगम मुलाजिम वहां पहुंच जाते है, फिर यह शोरुम कैसे बन गया और अब तक चल रहा है। लोगों में चर्चा है कि अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके ही इसे बनाया गया है।
निगम ने खुद माना, बिल्डिंग है इल्लीगल
जानकारी के अनुसार इस बिल्डिंग की शिकायत होने के बाद नगर निगम जोन-डी के बिल्डिंग इंस्पेक्टर किरनदीप सिंह द्वारा लक्की टॉवल स्टोर मालिक को एक नोटिस जारी किया गया। जिसमें उन्होंने खुद माना है कि उक्त इमारत अवैध है। जबकि नोटिस भेजकर शोरुम मालिक से मांग की है कि वह इस संबंधी अगर कोई दस्तावेज है, तो निगम के पास समक्ष आकर पेश करे। जबकि दस्तावेज न होने की सुरत में बिल्डिंग सील कर दी जाएगी। यहां तक कि निगम ने खुद लिखा कि राजीनामा फीस यानि कि कंपाउंडिंग फीस की रसीद है तो वह भी पेश करें। यानि कि अधिकारी खुद समझते है कि इल्लीगल इमारतें बना और फिर जुर्माना फीस जमा करवाकर उसे लीगल कर सकते हैं।
आखिर निगम अधिकारी किस चीज की ले रहे सैलरी ?
वहीं लोगों में चर्चा है कि अगर नगर निगम के अधिकारियों के सामने अवैध इमारतें बन रही हैं, तो वह सैलरी किस चीज की ले रहे हैं। अगर यह इमारत अवैध है तो इस से संबंधित अधिकारी की सैलरी कट होनी चाहिए। जो चीज शहर का एक आम व्यक्ति देखकर बता सकता है कि वह इल्लीगल है, तो निगम अधिकारी क्यों उसे देख नहीं पाते। या तो सरकार को अधिकारियों की आंखों का चैकअप कराना चाहिए।
दो साल पहले लग चुकी आग, लिया लाखों का क्लेम
बता दें कि इसी लक्की टॉवल स्टोर की बिल्डिंग में करीब दो साल पहले 24 जून 2022 को आग लग गई थी। मालिक का कहना था कि बिल्डिंग में पड़ा सारा कपड़ा जल गया। जिसके चलते लाखों रुपए इंश्योरेंस क्लेम भी ले लिया गया। लेकिन अभी तक यह समझ से परे है कि अगर बिल्डिंग अवैध है, बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं है तो आखिर क्लेम कैसे लिया जा सकता है। नियमों के मुताबिक अगर बिल्डिंग ही नहीं बन सकती तो उसे अवैध तरीके से बनाकर कपड़ा स्टोर कैसे किया जा सकता है।
आग लगने के बाद भी फायर सेफ्टी नहीं की, सैकड़ों लोगों की जान दांव पर
बता दें कि लक्की टॉवल स्टोर बिल्डिंग इल्लीगल है। जिसके चलते फायर विभाग से एनओसी नहीं ली गई। जबकि इस शोरुम में जून 2022 में आग लगी थी। जबकि उसके बाद भी बिल्डिंग मालिक ने फायर सेफ्टी के प्रबंध नहीं किए। इस संबंध में फायर विभाग द्वारा दो साल बाद यानि की 18 अप्रैल 2024 को क्लियर कर दिया गया कि लक्की टॉवल स्टोर द्वारा एनओसी अभी तक नहीं ली गई है। जिससे जाहिर है कि वहां पर काम करने वाले वर्करों और शॉपिंग के लिए आने वाले सैकड़ों लोगों की जान को दांव पर लगाकर शोरुम मालिक व्यापार करने में लगे हैं। फायर विभाग ने भी आरटीआई में सूचना दे दी, लेकिन एक्शन नहीं लिया। जबकि शोरुम में वर्करों व ग्राहकों समेत रोजाना 100 के करीब लोग बिल्डिंग में मौजूद रहते है। ऐसे में अगर कोई घटना हो तो उसका जिम्मेदार आखिर बिल्डिंग मालिक, नगर निगम या फायर विभाग तीनों में से कौन होगा।
नोटिस के बाद ऐसे होगी सेटिंग
बता दें कि नगर निगम द्वारा अब लक्की टॉवल स्टोर मालिक को नोटिस थमाने के बाद आगे बड़ा खेला किया जाएगा। इसके बाद अब शोरुम मालिक निगम अधिकारियों के पास पहुंचेगें, जिसके बाद उनसे निगम अधिकारी बिल्डिंग गिराने से बचाने को कंपाउंडिंग चार्ज जुर्माने के तौर पर भरवाने को कहेगें। जिसके बाद लाखों रुपए जुर्माना लगाकर बिल्डिंग को लीगल कर दिया जाएगा। शोरुम मालिक को होगा कि उसकी बिल्डिंग गिर जाएगी, इससे अच्छा है जुर्माना भर दिया जाए, लेकिन इसी आढ़ में अधिकारी बड़ी सेटिंग कर लेंगे।
सिर्फ बिना सिफारशी इमारतों पर ही चलता है पीला पंजा
नगर निगम के मुलाजिम वैसे तो आए दिन किसी न किसी इल्लीगल इमारत व दुकान पर पीला पंजा चलाने की फोटोज जारी करते हैं। लेकिन बाहुबलियों की इमारतों पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता। लोगों में चर्चा है कि जिन अवैध इमारतों की सिफारिश मुलाजिमों तक नहीं पहुंची, सिर्फ उन्हें ही गिराया जाता है। ताकि मुलाजिम दस्तावेजों में अपनी कार्रवाई भी दिखा सके।