हरियाणा में बेरोजगारी, किसानों के विरोध के बाद अब अपराध ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, ये मामले बने चुनौती

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हरियाना /यूटर्न/25 सितंबर: हरियाणा में बीजेपी के लिए तीसरी बार जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। राज्य में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राजनीतिक हत्याएं, वसूली के लिए हत्याएं, गैंगस्टर्स का बोलबाला और महिलाओं के खि़लाफ़ बढ़ते अपराधों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। पिछले पांच सालों में हरियाणा में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी रही है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज वसूली या ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी भरे फ़ोन आते हैं। पहली बार विधायकों को भी धमकी भरे फ़ोन आये हैं। 1 जनवरी से 31 अगस्त के बीच हरियाणा में हर घंटे महिलाओं या बच्चों के खि़लाफ़ एक अपराध दर्ज हुआ है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार 11 मार्च तक सत्ता में रही। उसके बाद नायब सैनी ने कमान संभाली। हालांकि, नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी अपराध नियंत्रण को लेकर चिंता कम नहीं हुई है। हरियाणा पुलिस विभाग में शत्रुजीत सिंह कपूर को नए डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया, लेकिन कुछ अपराधों में गिरावट के बावजूद, सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है। वसूली, अपहरण और गैंगवार ने राज्य के व्यापारिक समुदाय को दहशत में डाल दिया है।
क्यों बदनाम हुआ हरियाणा
पहले अपने एथलीटों के लिए जाना जाने वाला हरियाणा, अब गैंगस्टर्स और शार्पशूटर्स के लिए बदनाम हो गया है। इनमें से कुछ के विदेशी आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। आतंकवाद विरोधी बल राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो दर्जन से अधिक छापेमारी की है। एक विशेष कार्य बल अब कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालता है जो इन गिरोहों के उदय के साथ उभरी है।
हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं
शत्रुजीत सिंह कपूर के कार्यकाल में अपराध से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने जैसे कड़े कदम उठाए गए, लेकिन ये कार्रवाई तब हुई जब हरियाणा के गैंगस्टर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल पाए गए। इस हत्याकांड में शामिल छह शूटरों में से दो हरियाणा के थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं हुईं। 31 अगस्त तक, राज्य में 675 हत्याएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 697 से थोड़ी कम थीं। राज्य में इस साल हर दिन लगभग तीन हत्याएं हुईं।
—————