बिहार के बाद अब पूरे देश में वोटर लिस्ट से हटेंगे मृतकों के नाम, जल्द शुरू होगा अभियान

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

3 अक्टूबर — चुनाव आयोग का मानना है कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार के आंकड़ों को चुनाव मशीनरी से जोड़ने से मतदाता सूची में मृत लोगों के नाम शामिल होने की समस्या हल हो जाएगी। बिहार में विशेष पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से लाखों मृतकों के नाम हटाए गए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि गहन पुनरीक्षण के दौरान निर्वाचन तंत्र मृतकों के नाम हटाने में सतर्क रहता है। भी राज्यों में निकट भविष्य में मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण यानी एसआइआर में बिहार जैसी प्रवृत्ति देखने को मिलेगी, जहां लाखों मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। बिहार में एसआइआर शुरू होने से पहले राज्य में 7.89 करोड़ मतदाता थे। प्रक्रिया के बाद, एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची में 7.24 करोड़ मतदाता रह गए। यानी लगभग 65 लाख नाम हटा दिए गए, इनमें 22 लाख मृत व्यक्ति भी शामिल थे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में पहचाने गए 22 लाख मृत मतदाताओं की मृत्यु हाल में नहीं हुई थी बल्कि उनकी मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, जिसका रिकार्ड दर्ज नहीं किया गया था।
सीईसी ने कहा कि पिछले सामान्य पुनरीक्षण के दौरान गणना फार्म हर घर में नहीं दिए गए थे। जब तक लोग अपने परिवारों में हुई मौतों की सूचना नहीं देते, बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के पास जानकारी नहीं होती। गहन पुनरीक्षण के दौरान निर्वाचन तंत्र मृतकों और स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाने में अधिक सतर्क रहता है।
निर्वाचन प्राधिकरण अब रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया (आरजीआइ) से मृत्यु पंजीकरण डाटा इलेक्ट्रानिक रूप से प्राप्त करेगा। इससे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को समय पर जानकारी मिलेगी। इससे मतदाता सूची अधिक त्रुटि मुक्त होगी। एक अधिकारी ने कहा कि डाटा जोड़ने की व्यवस्था स्थापित होने पर मृतक व्यक्तियों के नाम बने रहने की स्थिति समाप्त हो जाएगी।

Leave a Comment