स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव के शाहित करीब डेढ़ दर्जन स्कूली वैन के कांटे चालान
चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं, यूटर्न, 19 अप्रैल :-पिछले कई वर्षों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों से लूट लगातार जारी है, चाहे वह बिल्डिंग फंड हो, किताबें हो, वर्दी हो या किसी भी अन्य रूप में हो। हालांकि संबंधित अधिकारी और सरकारें इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं, लेकिन माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और बेहतर भविष्य बनाने के लिए खुद को लुटाने पर मजबूर हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों से निजी स्कूल मालिकों ने अपने लालच के चलते अभिभावकों को लूटने के साथ-साथ छात्रों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है, आए दिन एक्सीडेंट की वजह से है विद्यार्थियों की जान जाने के साथ गंभीर रूप से घायलों की खबरें टीवी चैनलों और अखबारों की सुर्खियों में नजर आती हैं।
निजी स्कूल छात्रों के जीवन के साथ कैसे खिलवाड़ करते हैं:- स्कूलों द्वारा लालच के कारण, स्कूल वैन को संशोधित कर अधिक सीटें बनाई जाती हैं ताकि वैन में अधिक छात्र बैठ सकें, प्राथमिक चिकित्सा किट, अग्नि सुरक्षा सिलेंडर, सीसीटीवी कैमरे, गति सीमित करने वाले उपकरण, वैन सहायक, जिस वैन में छात्रा होती हैं उसमें कोई महिला सहायक का होना लाजमी है, ड्राइवर और सहायक की वर्दी, ड्राइवर के पास कई वर्षों का अनुभव आदि। स्कूल वैन सुरक्षा के लिए कई अन्य नियम बनाए गए हैं जिन्हें स्कूल कभी पूरा नहीं करते हैं। स्कूलों ने भी अपनी जान बचाने के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट को निजी हाथों में दे दिया है ताकि वे भी स्कूलों के साथ-साथ अभिभावक को लूट सके।
रही बात अभियान की क्या यह लगातार जारी रहेगा जहां खुश हो जाएगा यह तो समय ही बताएगा। या फिर पंचों की आगया सर माथे परनाला ऊथे ढा ऊथे।