लुधियाना 27 दिसंबर। नेशनल हाइवे 95ए यानि कि साउथ सिटी रोड पर धड़ल्ले से बनी इललीगल इमारतों पर आखिरकार ग्लाडा की और से एक्शन ले लिया गया है। ग्लाडा की और से सभी अवैध इमारतों के सीएलयू कैंसिल कर दिए गए है। क्योंकि यह इमारतें नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक नहीं बनी थी। जिसके बाद उन इमारतों के मालिकों को नोटिस भी जारी हुए है। जिसमें उनकी बिल्डिंगों को रिजेक्ट करते हुए अनअथॉराइज्ड करार दिया गया है। चर्चा है कि ग्लाडा की और से करीब 60 इमारतों को अवैध घोषित करते हुए सीएलयू कैंसिल किए गए हैं। यह आदेश ग्लाडा के एडिशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर विनीत कुमार द्वारा जारी किए गए हैं। इनमें कई बिल्डिंगों में नामी कंपनियों के रेस्त्रां, होटल, क्लब और स्टोर चल रहे हैं। वहीं कई निर्माणाधीन है। हालांकि नियमों के मुताबिक नेशनल हाइवे पर हुए यह सभी निर्माण अवैध है। जानकारी के अनुसार लुधियाना सिटीजन काउंसिल की और से इन गलत निर्माणों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जबकि यूटर्न टाइम अखबार की और से लगातार इस मुद्दे को प्रमुख्ता से उठाया जा रहा था।
30 दिन में करनी होगी अपील
ग्लाडा की और से पंजाब सरकार की पॉलिसी 2013 का हवाला देते हुए जारी किए गए नोटिस में उन्होंने बिल्डिंगों को अवैध तो बताया ही है। साथ में आदेश दिए गए हैं कि बिल्डिंग मालिक 30 दिन के अंदर अंदर अपील दायर कर सकता है। यदि किसी भी तरीके की अपील नहीं दायर की जाती तो पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट के तहत बिल्डिंग को गिरा दिया जाएगा।
लुधियाना सिटीजन काउंसिल ने उठाया था मुद्दा
जानकारी के अनुसार लुधियाना सिटीजन काउंसिल की और से सबसे पहले यह मुद्दा उठाया गया था। उनकी तरफ से ग्लाडा अधिकारियों को कई शिकायतें दी गई थी। लेकिन फिर भी एक्शन न होने पर काउंसिल के सदस्यों द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। काउंसिल ने पहले ही आरोप लगाए थे कि यह सभी निर्माण अवैध तरीके से किए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी ग्लाडा द्वारा इसे रोका नहीं गया था। अब इमारतें बनने और उसमें कमर्शियल कारोबार चलने के बाद ग्लाडा की आंख खुली।
निगम चुनाव के दौरान बनी एक और इमारत
वहीं निगम चुनाव के बीच शनिवार व रविवार को छुट्टी का फायदा उठाकर साउथ सिटी रोड पर एक और लैंड माफिया द्वारा अवैध इमारत का निर्माण कर दिया गया। लुधियाना सिटीजन काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि ग्लाडा द्वारा कुछ दिन पहले जहां अवैध निर्माण गिराए गए, उसके एकदम साथ ही लैंड माफिया द्वारा छुटि्टयों का फायदा उठा दो दिन में इमारत खड़ी कर दी गई है। जबकि इसकी शिकायत ग्लाडा अफसरों को भी की गई। लेकिन फिर भी एक्शन नहीं हुआ।
कारोबारियों को अपराधी बना रहा ग्लाडा
जानकारी के अनुसार बेशक कारोबारियों द्वारा अवैध निर्माण किए गए हैं। लेकिन कारोबारियों का कहना है कि उन्होंने अपनी इमारतों का निर्माण पंजाब सरकार की पॉलिसी 2013 के तहत ग्लाडा अधिकारियों के कहे मुताबिक किया। जबकि सभी तरह की परमिशनें भी ली गई थी। मगर अब उनकी परमिशनें कैंसिल कर दी गई है। जिसे देख लगता है कि कही न कही ग्लाडा के अधिकारियों द्वारा जबरन कारोबारियों को अपराधी बनाया जा रहा है। चर्चा है कि पहले अधिकारी अपनी जेब गर्म करने के लिए रिश्वत लेकर निर्माण करवा देते हैं। फिर खुद ही उसे इललीगल घोषित करके एक्शन शुरु कर देते हैं। अब देखना होगा कि क्या इन इमारतों को बनवाने के लिए परमिशनें देने वाली अफसरों पर कार्रवाई होगी या नहीं।
हलका विधायक और कमेटी चेयरमैन बने मूक
बता दें कि यह अवैध निर्माण हलका गिल के अधीन हो रहे हैं। जिसके बावजूद हलके के विधायक जीवन सिंह संगोवाल की और से इन अवैध कार्यों को कभी रोका नहीं गया। वहीं विधायक गुरप्रीत गोगी विधानसभा कमेटी के चेयरमैन है। लेकिन चेयरमैन होने के बावजूद उन्होंने इन अवैध इमारतों पर एक्शन लेने की जरुरत नहीं समझी। पंजाब सरकार की इस लापरवाही के कारण लैंड माफिया व बाहुबलियों को हौंसले बुलंद होते रहे और इललीगल इमारतों की गिनती बढ़ती गई।