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आप के अमृतसर एमएलए डॉ.अजय गुप्ता ने तो फिल्मी-अंदाज दिखा ले लिया ‘यू-टर्न’

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अपनी सरकार चेलेंज करते वीडियो वायरल होते ही डॉ.गुप्ता बोले-मैंने किया था सिस्टम का विरोध

अमृतसर 10 जून। इस बात में तो कोई शक नहीं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ जनता में रोष पनप रहा है। इसका साफ असर लोकसभा चुनाव में भी दिखा तो पार्टी में भी अंदरखाते खलबली मची। इसी बीच यहां गुरुनगरी के सेंट्रल हल्के के आप विधायक डॉ. अजय गुप्ता एक वीडियो सामने आया। जिसमें वह जनता के रोष की हिमायत करते फिल्मी-स्टाइल में अपनी सरकार को चेलेंज करते नजर आए।
शायद जनता भी उनके तेवर देख खुश हुई होगी, तभी उनका यह वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद एमएलए ने फुर्ती दिखाते हुए इस मामले में गजब का ‘यू-टर्न’ ले लिया। उन्होंने झटपट सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर जोरदार सफाई दी। उन्होंने अपने वायरल वीडियो में कही बातों को पुरानी सरकारों पर थोप दिया। लगे हाथों आप सरकार को पुरानी कमियों को सुधारने वाली करार दिया। यह नाटकीय मोड़ दरअसल इसलिए आया कि उनका वीडियो वायरल होने से स्थानीय स्तर पर राजनीति गर्माने लगी थी।
दलील पे दलील देते रहे गुप्ता : सफाई पेश करते विधायक गुप्ता ने फर्माया कि पुरानी सरकारों ने तमाम गलतियां कीं।
फिर समझाने वाले लहजे में कहा कि नशे को खत्म करने के लिए आप सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। नशा और भ्रष्टाचार पंजाब की जड़ों में जा चुका है, जिसे खत्म करने में समय लगेगा। डॉ. गुप्ता ने आगे सफाई दी कि बीते दिन जो वीडियो जारी हुई, उसमें उन्होंने ना तो अपनी पार्टी को लेकर कहा था और ना ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता के खिलाफ बोले। वह खराब हुए इस सिस्टम के खिलाफ ही बोले है। इस सिस्टम को कैसे खत्म किया जाना है, इसके लिए वह सीएम भगंवत मान के साथ बैठकर विचार करेंगे। यहां बता दें कि पहली वीडियो में विधायक गुप्ता अपने मंत्री से मुखातिब होकर सवाल करते नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा था कि मंत्री बदलाव का नारा देते थे, बदला क्या है ? आप खुद ही बता दें कि पंजाब में कहां नशा बंद हुआ है ? नशा बंद होने की जगह उलटा बढ़ गया है। बात करें यदि भ्रष्टाचार की तो भ्रष्टाचार बढ़ गया है। मेरा एक दोस्त है, उससे किसी काम के एक लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी। जब उसने किसी विधायक का फोन करवा दिया तो रिश्वत बढ़ कर 5 लाख रुपए हो गई। सवा दो साल पहले पुलिस-प्रशासन पर सरकार सख्ती रखती तो आज हमारी ये हालत न होती। दिलचस्प पहलू यह है कि विधायक गुप्ता ने तमाम दलीलों के साथ सफाई देते यह नहीं बताया कि सवा दो साल पहले वह किससे पुलिस प्रशासन पर सख्ती बरतने को कह रहे थे। उस वक्त पंजाब में किसकी सरकार थी।
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