जताया रोष, स्वास्थ्य क्षेत्र को पर्याप्त धन नहीं, केंद्रीय बजट में बेरोजगारी की समस्या का समाधान भी नहीं
लुधियाना 1 फरवरी। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पेश करते ही सियासी-माहौल भी गर्मा गया। बजट पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई।
उन्होंने इलजाम लगाया कि इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को पर्याप्त धन नहीं मिला। इसका आवंटन अभी भी कुल बजट परिव्यय के 2% से कम है। जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में निर्धारित स्वास्थ्य व्यय के रूप में सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। हाल ही में एसबीआई की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत को आम जनता की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 5% स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि द इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत को बढ़ती स्वास्थ्य सेवा मांग को पूरा करने के लिए सालाना 138,000 नए डॉक्टरों की आवश्यकता है। हालांकि, अगले पांच वर्षों में 75,000 चिकित्सा शिक्षा सीटों की योजनाबद्ध वृद्धि इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम हैं। अरोड़ा ने यह भी कहा कि बजट में चुनाव वाले राज्यों को तरजीह दी गई है, जबकि अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई है। बेरोजगारी पर चिंता जताते उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं बताए गए हैं, जो वर्तमान में लगभग 10% हैं।
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