पंजाब/यूटर्न/13 जुलाई: जेल में हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिस्नोई के इंटरव्यू मामले में आम आदमी पार्टी के अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए स्वालों की झडी लगा दी है। उनका कहना है कि अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की एसआईटी ने जो रिपोर्ट दी है, उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ये इंटरव्यू पंजाब की जेल में हुआ है। आश्चर्य की बात है कि जब मुखयमंत्री ने कहा कि यह इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ तो पंजाब के डीजीपी साहब ने यह तर्क दिया। किस दिशा में जा रहा है पंजाब? विधायक ने इस पोस्ट के साथ अपना पुराना 28 मार्च 2023 का इंटरव्यू भी पोस्ट किया है। जिसमें वे कह रहे हैं – वे जो इंटरव्यू हुआ था 13 मार्च को हुआ था। 15 दिन हो चुके हैं। एक स्मार्टफोन, एक गैंगस्टर, एक जेल और एक पत्रकार जेल में ये सब कुछ उपलब्ध है। अभी तक हालात के अनुसार ये इंटरव्यू बठिंडा जेल में करवाया गया। कुछ कह रहे हैं कि ये इंटरव्यू किसी और जेल का है। डीजीपी साहिब लाइव आकर क्लैरिफिकेशन दे रहे हैं। डीजीपी साहिब को चाहिए था कि इस क्लैरिफिकेशन से पहले एफआईआर दर्ज करते। ये एक नेशनल सिक्योरिटी मैटर है। सरकारें दो ही हैं। एक केंद्र की और दूसरी पंजाब की। देखने वाली बात है कि किस सरकार ने तो ये सब करवाया है। या दो सरकारों से ऊपर भी एक गैंगस्टर सरकार हो गई। जो अपनी मर्जी से सरकार चला रहे हैं। यहां हर तरह की एजेंसियां हैं। केंद्र की भी और राज्य की भी अलग-अलग एजेंसियां है। क्लैरिफिकेशन से पहले डीजीपी पंजाब को एफआईआर करवानी चाहिए थी और जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए था। पुलिस में लीडरशिप क्वालिटी की कमी
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने वीडियो इंटरव्यू में कहा कि जो नीचे वाली पुलिस होती है, वो कमजोर पड़ जाती है। आज कल जो हालात बने हुए हैं, पंजाब पुलिस में लीडरशिप क्राइसिस आ चुके हैं। 2022 से जो हालात बने हैं,यहां एक्टिंग डीजीपी है। हालात ऐसे हैं कि डीजीपी के ऊपर भी डीजीपी हैं और नीचे 7 डीजीपी हैं, जो डीजीपी के लिए ट्राय करने में लगे हैं। ऐसे में एक डीजीपी को फुल पावर देनी चाहिए। आज पंजाब पुलिस को लीडरशिप व गाइडेंस की जरूरत हे। —————
